राज्य सरकार और डीवीसी के बीच एक बार फिर बढ़ा विवाद
बांधों से पानी छोड़ने को लेकर एक बार फिर राज्य सरकार व डीवीसी के बीच विवाद पैदा हो गया है.
डीवीसी ने अपने बांधों से छोड़ा 60 हजार क्यूसेक पानी
संवाददाता, कोलकाताबांधों से पानी छोड़ने को लेकर एक बार फिर राज्य सरकार व डीवीसी के बीच विवाद पैदा हो गया है. आरोप है कि राज्य सरकार को अग्रिम सूचना दिये बिना डीवीसी ने एक बार फिर अपने बांधों से पानी छोड़ा है. राज्य सरकार ने आरोप लगाया है कि डीवीसी ने रविवार को राज्य से परामर्श किये बिना जलाशयों से 60,000 क्यूसेक पानी छोड़ा है, यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. राज्य सरकार का कहना है कि डीवीसी से बार-बार अनुरोध करने के बावजूद, वह राज्य के आवेदन को नजरअंदाज कर रहा है. डीवीसी के जलाशयों से इतनी मात्रा में पानी छोड़े जाने से फिर से बाढ़ की स्थिति बन गयी है. बताया गया है कि राज्य भर में लगातार बारिश के कारण कई नदियों का जलस्तर पहले से ही खतरे के स्तर पर है. इसी बीच, डीवीसी द्वारा पानी छोड़े जाने से पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर के कई हिस्सों में फिर से बाढ़ की आशंका पैदा हो गयी है.उल्लेखनीय है कि इस संबंध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले ही डीवीसी पर राज्य सरकार को सूचित किये बिना पानी छोड़ने का आरोप लगाया था. सीएम ने कहा था कि इस वर्ष डीवीसी द्वारा छोड़े गये पानी की मात्रा 2024 की तुलना में 11 गुना और 2023 की तुलना में 30 गुना बढ़ गयी है.
यह दक्षिण बंगाल में बाढ़ की स्थिति पैदा करने का एक सुनियोजित प्रयास है. यह कोई प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि मानव निर्मित आपदा है जिसे बंगाल को और अधिक संकट में डालने के लिए रचा जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
