डेंगू-मलेरिया पर लगेगी लगाम, कोलकाता में छोड़ी जायेंगी एक करोड़ गप्पी मछलियां

महानगर और आसपास के इलाकों में डेंगू व मलेरिया के बढ़ते प्रकोप पर काबू पाने के लिए राज्य मत्स्य पालन विभाग ने अनोखी पहल की है.

By AKHILESH KUMAR SINGH | September 5, 2025 2:20 AM

मत्स्य पालन विभाग ने बनायी विशेष योजना

संवाददाता, कोलकातामहानगर और आसपास के इलाकों में डेंगू व मलेरिया के बढ़ते प्रकोप पर काबू पाने के लिए राज्य मत्स्य पालन विभाग ने अनोखी पहल की है. विभाग तालाबों और जलाशयों में गप्पी मछलियां छोड़ रहा है. गप्पी एक मीठे पानी की मछली है, जो नालियों और जलाशयों में पनपने वाले मच्छरों व उनके लार्वा को खाकर जीवित रहती है.

इसे मच्छरजनित बीमारियों की रोकथाम का सस्ता और असरदार उपाय माना जा रहा है. मत्स्य पालन मंत्री बिप्लब राय चौधरी ने विधानसभा में बताया कि इस साल सिर्फ कोलकाता और उसके आसपास के क्षेत्रों में एक करोड़ से अधिक गप्पी मछलियां छोड़ी जायेंगी. पूरे राज्य में यह संख्या 2.6 करोड़ तक पहुंचायी जायेगी. उन्होंने कहा कि विभाग इन मछलियों को आम लोगों को भी उपलब्ध करायेगा, ताकि वे अपने जलाशयों में इन्हें छोड़ सकें. इसके साथ ही मंत्री ने बताया कि राज्य के 3306 ट्रॉलरों और 3956 मोटरबोटों में उपग्रह-आधारित समुद्री सुरक्षा सहायक प्रणाली (ट्रांसपोंडर) लगाने का निर्णय लिया गया है. इसरो द्वारा विकसित यह तकनीक मछुआरों को गहरे समुद्र में संकट संदेश भेजने, मछलियों के झुंड का पता लगाने और आपातकालीन चिकित्सा सुविधा पाने में मदद करेगी. वर्तमान में पूर्व मेदिनीपुर के कोंटाई सेक्टर और दक्षिण 24 परगना के डायमंड हार्बर सेक्टर में कुल 500 ट्रॉलरों में यह उपकरण लगाया जा चुका है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है