वक्फ: मुर्शिदाबाद में भड़की हिंसा से प्रभावित लोगों को मुआवजा नहीं मिलने पर हाइकोर्ट ने जतायी नाराजगी
मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा और आगजनी की घटना में कई लोगों के घरों में तोड़फोड़ कर सामानों को आग के हवाले कर दिया गया था.
संवाददाता, कोलकाता
मुर्शिदाबाद में वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा और आगजनी की घटना में कई लोगों के घरों में तोड़फोड़ कर सामानों को आग के हवाले कर दिया गया था. स्थिति काबू में होने के बाद सब कुछ खो चुके पीड़ित परिवारों की ओर से मुआवजा देने को लेकर कलकत्ता हाइकोर्ट में एक याचिका दायर की गयी है. प्रभावित लोगों को मुआवजा देने से संबंधित मामले की सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने राज्य की भूमिका पर नाराजगी जाहिर की है. गुरुवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सौमेन सेन ने कहा कि अभी तक प्रभावित लोगों को राज्य सरकार ने मुआवजा नहीं दिया है. कोर्ट ने कहा कि राज्य सरकार को दुर्गापूजा में पूजा आयोजकों को मदद करने में कोई समस्या नहीं है, तो क्या प्रभावित लोगों को मुआवजा देने में कोई दिक्कत आ रही है? कोर्ट ने इस घटना में नेशनल इंवेस्टिगशन एजेंसी (एनआइए) की भूमिका पर भी सवाल उठाया. कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश सौमेन सेन और न्यायाधीश राजा बसु चौधरी की खंडपीठ ने कहा कि मामले में कोर्ट द्वारा बार-बार कहने के बावजूद एनआइए जांच के लिए आगे नहीं आयी. राज्य ने भी एनआइए की मदद नहीं ली.
वहीं, सरकारी पक्ष की वकील प्रभन्या बनर्जी ने कहा कि आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है. कुल 109 मामले दर्ज हुए हैं. मुआवजा देने के पहले मूल्यांकन करना जरूरी होता है, जो अभी तक नहीं हुआ है. इसलिए मुआवजा देना संभव नहीं हो सका है. वहीं, पीड़ित परिवारों की वकील प्रियंका टिबड़ेवाल ने कहा कि राज्य मुआवजे के बारे में कोर्ट को सूचित करे. अभी तक मुआवजा नहीं दिया गया है. कोर्ट ने अंतरिम आदेश को बरकरार रखा और राज्य को मुआवजे के बारे में सूचित करने का आदेश दिया. अगली सुनवाई 20 नवंबर को होगी.
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