सुंदरवन में बढ़ रहे पर्यटक, बाघ देखने के िलए नियम तोड़ने की शिकायतें

आरोप है कि कई पर्यटक नौकाएं सुरक्षा नियमों की अनदेखी करते हुए गहरे जंगल में और यहां तक कि प्रतिबंधित क्षेत्रों में भी घुस रही हैं.

By GANESH MAHTO | December 11, 2025 2:06 AM

प्रतिबंधित इलाकों में नौकाएं ले जाने की घटनाओं से वन विभाग चिंतित

कोलकाता. सर्दी की शुरुआत होते ही दक्षिण 24 परगना स्थित सुंदरवन में रॉयल बंगाल टाइगर को देखने के लिए देश-विदेश से भारी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं. वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर और पर्यटक दलों की लगातार बढ़ती भीड़ से इलाके में रौनक तो है, लेकिन कुछ घटनाओं ने वन विभाग की चिंता बढ़ा दी है. आरोप है कि कई पर्यटक नौकाएं सुरक्षा नियमों की अनदेखी करते हुए गहरे जंगल में और यहां तक कि प्रतिबंधित क्षेत्रों में भी घुस रही हैं.

वन विभाग सूत्रों के मुताबिक कई बोट चालक बाघ देखने की उम्मीद में नौकाओं को जंगल के बिल्कुल किनारे तक ले जाकर लंबे समय तक खड़ी रख रहे हैं. इससे न केवल पर्यटकों की जान जोखिम में पड़ रही है, बल्कि बाघों और अन्य वन्यजीवों के आवास में भी अनावश्यक हस्तक्षेप हो रहा है. जुर्माने और चेतावनी के बाद भी इस तरह की मनमानी पर पूरी तरह रोक नहीं लग पायी है.

सोशल मीडिया पर वायरल तस्वीर ने बढ़ाई बेचैनी : हाल ही में सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हुई थी जिसमें एक भरी पर्यटक नौका को एक बाघ से बेहद नजदीक खड़ा दिखाया गया था. हालांकि इस तस्वीर की सत्यता की पुष्टि प्रभात खबर ने नहीं की है, फिर भी इस घटना ने वन विभाग की चिंता बढ़ा दी. सुंदरवन टाइगर रिजर्व के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ वाइल्डलाइफ टूरिस्ट बोट एडवेंचर के चक्कर में नियमों की खुलकर अनदेखी कर रही हैं. कई बोटों पर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया गया है और कुछ गाइडों को एक सप्ताह के लिए निलंबित भी किया गया है.

प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश सख्त वर्जित

सुंदरवन टाइगर रिजर्व प्रतिदिन 120-130 पर्यटक नौकाओं को अनुमति देता है, लेकिन कोर एरिया और कुछ संवेदनशील इलाकों में प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित है.

धना खाल, दाहारानी खाल और लेबुखाली खाल उन क्षेत्रों में शामिल हैं जहां किसी भी सूरत में नौका ले जाना मना है. इसके बावजूद लगातार मिल रही शिकायतों ने विभाग को और सख्त कदम उठाने की ओर प्रेरित किया है.

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