बहुमंजिली इमारतों में मतदान केंद्र के प्रस्ताव नहीं मिलने पर आयोग नाराज

विधानसभा चुनाव से पहले बहुमंजिली इमारतों के भीतर मतदान केंद्र बनाने के प्रस्ताव पर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया न मिलने पर चुनाव आयोग ने डीइओ (जिला निर्वाचन अधिकारी) और इआरओ (नामांकन पंजीकरण अधिकारी) के प्रति कड़ा रुख अपनाया है.

By AKHILESH KUMAR SINGH | December 12, 2025 1:46 AM

संवाददाता, कोलकाता

विधानसभा चुनाव से पहले बहुमंजिली इमारतों के भीतर मतदान केंद्र बनाने के प्रस्ताव पर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया न मिलने पर चुनाव आयोग ने डीइओ (जिला निर्वाचन अधिकारी) और इआरओ (नामांकन पंजीकरण अधिकारी) के प्रति कड़ा रुख अपनाया है. आयोग ने साफ कहा है कि अब तक एक भी प्रस्ताव न भेजा जाना अत्यंत गंभीर चूक है. सीइओ कार्यालय को भेजे गये नोटिस में आयोग ने स्पष्ट किया है कि पर्याप्त संख्या में मतदान केंद्र उपलब्ध कराना जिला अधिकारियों की जिम्मेदारी है.

पश्चिम बंगाल से अब तक कोई प्रस्ताव नहीं भेजा जाना इस जिम्मेदारी के उल्लंघन के बराबर माना गया है. आयोग ने निर्देश दिया है कि मतदाता सूची के प्रारूप प्रकाशन के बाद यानी 16 दिसंबर से सभी जिलाधिकारी बहुमंजिली इमारतों, समूह आवास परिसरों, आवास संघों और बस्ती क्षेत्रों का तत्काल सर्वे करें. जिन परिसरों में कम से कम 250 घर या 500 मतदाता हैं, वहां ग्राउंड फ्लोर पर उपलब्ध कमरों का विवरण जुटाकर मतदान केंद्र के लिए स्थान चिह्नित करना अनिवार्य होगा. साथ ही बस्ती इलाकों में अतिरिक्त मतदान केंद्रों की आवश्यकता का भी आकलन करने को कहा गया है. सभी प्रस्ताव 31 दिसंबर तक आयोग को भेजने होंगे.

उधर, तृणमूल कांग्रेस पहले ही इस विचार का विरोध जता चुकी है. बीते महीने मुख्यमंत्री ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर कहा था कि निजी परिसरों में मतदान केंद्र बनाना निष्पक्षता और परंपरागत मानकों के खिलाफ है. उनका कहना था कि मतदान केंद्र हमेशा सरकारी या अर्द्ध-सरकारी संस्थानों में ही बने.

उल्लेखनीय है कि हाल ही में भाजपा नेता शिशिर बाजोरिया के नेतृत्व में पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल सीइओ मनोज अग्रवाल से मिलकर आवासीय भवनों में पोलिंग बूथ बनाने को लेकर चर्चा कर चुका है.

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