एसआइआर प्रक्रिया से परेशान हैं मुख्यमंत्री : शुभेंदु अधिकारी

पश्चिम बंगाल में एसआइआर को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार शुरू से ही विरोध कर रही है. एसआइआर के शुरुआती चरण में राज्य की वोटर लिस्ट से 58 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम हटाये जाने के बीच विधानसभा में नेता, प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को दावा किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस प्रक्रिया से परेशान हैं.

By BIJAY KUMAR | December 22, 2025 10:54 PM

कोलकाता.

पश्चिम बंगाल में एसआइआर को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार शुरू से ही विरोध कर रही है. एसआइआर के शुरुआती चरण में राज्य की वोटर लिस्ट से 58 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम हटाये जाने के बीच विधानसभा में नेता, प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने सोमवार को दावा किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस प्रक्रिया से परेशान हैं. शुभेंदु ने कहा कि मुख्यमंत्री की हाल ही में तृणमूल कांग्रेस के बूथ-स्तरीय एजेंट (बीएलए) के साथ हुई बैठक से यह स्पष्ट संकेत मिलता है कि वह निर्वाचन आयोग द्वारा चलाये जा रहे एसआइआर से असहज हैं. शुभेंदु ने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस सरकार के दिन अब गिने-चुने रह गये हैं और अप्रैल 2026 के विधानसभा चुनावों के बाद ममता बनर्जी पूर्व मुख्यमंत्री बन जायेंगी. एसआइआर के लिए अन्य राज्यों से सूक्ष्म पर्यवेक्षकों (माइक्रो ऑब्जर्वर) को लाए जाने के मुख्यमंत्री के दावे पर शुभेंदु ने चुनौती देते हुए कहा, “अगर 3,000 माइक्रो ऑब्जर्वरों में से एक भी दूसरे राज्य से साबित हो जाये, तो मैं जनता से माफी मांगूंगा. लेकिन यदि ममता बनर्जी गलत साबित होती हैं, तो उन्हें भी माफी मांगनी चाहिए.”

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर ममता बनर्जी द्वारा किये गये हमले का जवाब देते हुए शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्री इसलिए गृह मंत्री को निशाना बना रही हैं, क्योंकि वह ऐसा कोई अधिकारी नहीं ढूंढ पायीं, जो निर्वाचन आयोग को गुमराह कर सके. उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग के मामलों में गृह मंत्री की कोई भूमिका नहीं है. अधिकारी ने यह भी कहा कि राज्य सरकार से परामर्श किये बिना भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) के अधिकारियों को विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त किये जाने से मुख्यमंत्री नाखुश हैं.

शुभेंदु अधिकारी ने सवाल उठाया कि तृणमूल कांग्रेस एसआइआर से इतनी भयभीत क्यों है? उन्होंने कहा कि पार्टी पहले दिन से ही इस प्रक्रिया का विरोध कर रही है और इसे एनआरसी करार दे रही है. अधिकारी ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस तुष्टीकरण की राजनीति को फिर से तेज करने और अल्पसंख्यक मुस्लिम वोटों को एकजुट करने के लिए झूठे आरोप लगा रही है. उन्होंने दावा किया कि एसआइआर के तहत किसी भी भारतीय नागरिक का नाम नहीं हटाया गया है.

गौरतलब रहे कि एसआइआर प्रक्रिया के तहत पश्चिम बंगाल की वोटर लिस्ट से अब तक कुल 58,20,898 नाम हटाए जा चुके हैं. इनमें दक्षिण 24 परगना से 8.18 लाख, उत्तर 24 परगना से 7.92 लाख, उत्तर कोलकाता से 3.90 लाख, दक्षिण कोलकाता से 2.16 लाख, हावड़ा से 4.47 लाख और हुगली से 3.19 लाख मतदाताओं के नाम शामिल हैं. इसके अलावा मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के गढ़ भवानीपुर में भी 44 हजार से अधिक नाम मतदाता सूची से हटाये गये हैं.

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