चिटफंड कंपनी की वित्तीय गड़बड़ी की जांच से राज्य के वित्त विभाग ने किया इनकार
कलकत्ता हाइकोर्ट द्वारा रोजवैली चिटफंड कंपनी की संपत्तियों को चिह्नित कर जब्त करने के लिए गठित के खिलाफ वित्तीय गड़बड़ी के आरोपों की जांच से इनकार कर दिया है.
संवाददाता, कोलकाता.
केंद्रीय संस्था के बाद अब राज्य सरकार के वित्त विभाग ने भी कलकत्ता हाइकोर्ट द्वारा रोजवैली चिटफंड कंपनी की संपत्तियों को चिह्नित कर जब्त करने के लिए गठित के खिलाफ वित्तीय गड़बड़ी के आरोपों की जांच से इनकार कर दिया है. मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान राज्य के वित्त विभाग ने कलकत्ता हाइकोर्ट के जस्टिस राजर्षि भारद्वाज की डिविजन बेंच को लिखित रूप से हलफनामा पेश कर बताया कि उनके पास फॉरेंसिक ऑडिट करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर और प्रशिक्षण लोग नहीं हैं. उनका यह बयान सुनने के बाद हाइकोर्ट के न्यायाधीश ने निराशा व्यक्त की. इसके बाद न्यायाधीश ने एक बार फिर केंद्र सरकार के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू से आवेदन किया कि वे केंद्रीय सीएजी के जरिये एसेट डिस्पोजल कमेटी के खिलाफ वित्तीय गड़बड़ी के आरोपों का फॉरेंसिक ऑडिट करने के लिए अनुभवी लोगों की व्यवस्था करें. इस मामले की सुनवाई चार दिसंबर को फिर होगी.
गौरतलब है कि हाइकोर्ट ने एसेट डिस्पोजल कमेटी के कार्यकलाप पर सवाल उठाये हैं. आरोप है कि रोजवैली कंपनी के होटलों का संचालन किसी अन्य कंपनी द्वारा किया जा रहा है और उससे आमदनी की जा रही है, लेकिन कमेटी ने उक्त कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. साथ ही रोजवैली कंपनी में निवेश करने वाले निवेशकों को उनका रुपया वापस लौटाने के प्रति कमेटी उदासीन है.
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