सीबीआइ ने अख्तर अली पर रुपये वसूलने का लगाया आरोप
आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में वित्तीय अनियमितता से जुड़े मामले में चल रही जांच के दौरान सीबीआइ को तत्कालीन उप-अधीक्षक अख्तर अली के खिलाफ नयी और अहम जानकारियां मिली हैं.
आरजी कर भ्रष्टाचार मामला
पत्नी के अकाउंट में भेजी जाती थी घूस और कटमनी की रकम
पूर्व प्राचार्य संदीप घोष से मतभेद के बाद बदला पक्ष : चार्जशीट
संवाददाता,कोलकाता.
आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में वित्तीय अनियमितता से जुड़े मामले में चल रही जांच के दौरान सीबीआइ को तत्कालीन उप-अधीक्षक अख्तर अली के खिलाफ नयी और अहम जानकारियां मिली हैं. एजेंसी ने हाल में अदालत में दायर चार्जशीट में आरोप लगाया है कि अली ने अपने बीमार भाई के इलाज और निजी कर्ज चुकाने के नाम पर एक कारोबारी से पैसे वसूले. सीबीआइ का दावा है कि कथित घूस और कटमनी की रकम सीधे उनकी पत्नी कश्मीरी बेगम के बैंक अकाउंट में भेजी जाती थी और पत्नी के खातों में कई किश्तों में पैसे ट्रांसफर करवाये गये. चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि अली और आरजी कर मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य संदीप घोष के बीच पहले काफी घनिष्ठ संबंध थे, लेकिन आपसी मतभेद बढ़ने के बाद अली ने अचानक घोष और उनके करीबियों पर आरोप लगाना शुरू कर दिया. सीबीआइ पहले ही संदीप घोष और उनके चार सहयोगियों को भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार कर चुकी है.
विगत सोमवार को केंद्रीय जांच एजेंसी ने अलीपुर स्थित विशेष अदालत में अख्तर अली और शशिकांत चंदक के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. आरोपों के मुताबिक, फरवरी 2021 में संदीप घोष के ज्वाइन करने से पहले ही अली अन्य वेंडरों के साथ मिलकर धन उगाही शुरू कर चुके थे. एक निजी कंपनी के अधिकारी से उन्होंने 50 हजार रुपये की मांग की थी, जिसे कारोबारी ने बैंक के जरिये सीधे अली की पत्नी के खाते में भेजा.
चार्जशीट में यह भी उल्लेख है कि एक मेडिकल सप्लाई कंपनी, जिसे वर्ष 2020 से ई-टेंडर के माध्यम से अस्पताल में सप्लाई का कॉन्ट्रैक्ट मिला था, उसे अली की वजह से 4.14 करोड़ रुपये का काम मिला. कंपनी के मालिक ने अपने बयान में कहा है कि भुगतान प्रक्रिया को आसान बनाने के बदले अली ने अपने बीमार भाई और कर्ज चुकाने का हवाला देकर करीब 2.39 लाख रुपये मांगे, जो अली की पत्नी के खाते में भेजे गये और वापस नहीं किये गये. चार्जशीट में यह भी आरोप है कि एक कारोबारी ने अली और उनके परिवार की यात्रा पर 1.49 लाख रुपये खर्च किये. इसके अलावा, उस कारोबारी की कंपनी के नाम पर फर्जी कोटेशन तैयार करने में दो वेंडरों विप्लव सिंह और सुमन हाजरा की भूमिका भी दर्ज की गयी है.
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