भारत में तेजी से बढ़ रहा कैंसर : विशेषज्ञ
भारत में कैंसर की रफ्तार चिंताजनक रूप से बढ़ रही है.
हुगली. भारत में कैंसर की रफ्तार चिंताजनक रूप से बढ़ रही है. विशेषज्ञों के अनुसार 2025 तक देश में 1.5 मिलियन से अधिक नये कैंसर मामले दर्ज होने की आशंका है. वर्ष 2015 से 2025 के बीच कैंसर की बढ़ती दर 27.7% तक पहुंच सकती है. श्रीरामपुर के महेश इलाके में सुरक्षा क्लिनिक एंड डायग्नॉस्टिक्स द्वारा कैंसर स्क्रीनिंग पर आयोजित एक विशेष सत्र में डॉ दिप्तांग्शु दास, डॉ बरुण कुमार पाल समेत कई विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया. उनका कहना है कि आज देश में हर व्यक्ति के लिए कैंसर होने का आजीवन जोखिम लगभग 10.6% है. ऐसे में शुरुआती चरण में पहचान को जीवन बचाने की सबसे बड़ी कुंजी बताया गया. विशेषज्ञों ने कहा कि कैंसर का पहले चरण में पता चलने पर उपचार अधिक सफल, किफायती और कम जटिल होता है, जबकि देर से पहचान होने पर मृत्यु दर बढ़ जाती है. अध्ययनों के मुताबिक, स्तन कैंसर की शुरुआती अवस्था में जीवित रहने की दर 99%, जबकि देर से पहचान होने पर यह 33% रह जाती है.
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फेफड़े का कैंसर स्टेज-1 में 65% रोगियों में उपचार योग्य पाया गया, जबकि स्टेज-4 में यह दर सिर्फ 5% रह जाती है. सत्र में बताया गया कि भारत में पुरुषों में फेफड़े का कैंसर और महिलाओं में स्तन कैंसर सर्वाधिक पाया जाता है. जोखिम के कारकों, लक्षणों और जांच विधियों की जानकारी देना ही शुरुआती पहचान का सबसे प्रभावी तरीका है. विशेषज्ञों ने नियमित स्क्रीनिंग मैमोग्राफी, पैप टेस्ट, एचपीवी टेस्ट, कोलोनोस्कोपी, लो-डोज सीटी को समय पर पहचान के लिए अत्यंत आवश्यक बताया और लोगों से अपील की, “लक्षणों का इंतजार न करें, समय पर जांच जीवन बचाती है.”
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