पुलिस दुष्कर्म पीड़िता का इलाज कर रहे अस्पताल में अनाधिकृत प्रवेश रोके
हाइकोर्ट की पूजा अवकाशकालीन बेंच की न्यायमूर्ति शंपा दत्त (पाॅल) ने पश्चिम बंगाल पुलिस को निर्देश दिया कि वह यह सुनिश्चित करे कि दुर्गापुर स्थित निजी चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल में कोई अनाधिकृत रूप से प्रवेश न करे, जहां सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता का इलाज किया जा रहा है.
कोलकाता
. पश्चिम बर्दवान जिले के दुर्गापुर स्थित एक निजी मेडिकल कॉलेज में छात्रा के साथ सामूहिक दुष्कर्म का मामला अब कलकत्ता हाइकोर्ट में पहुंच गया है. मंगलवार को इस घटना को लेकर हाइकोर्ट में दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की गयीं. एक ओर, प्रदेश भाजपा ने 19 अक्तूबर तक निजी मेडिकल काॅलेज के पास अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखने के लिए एक याचिका दायर की है. दूसरी ओर, उक्त निजी मेडिकल काॅलेज के प्रबंधन ने हाइकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और काॅलेज परिसर के सामने लोगों की भीड़ को हटाने की मांग की है, क्योंकि वहां परीक्षाएं चल रही हैं. इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट की पूजा अवकाशकालीन बेंच की न्यायमूर्ति शंपा दत्त (पाॅल) ने पश्चिम बंगाल पुलिस को निर्देश दिया कि वह यह सुनिश्चित करे कि दुर्गापुर स्थित निजी चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल में कोई अनाधिकृत रूप से प्रवेश न करे, जहां सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता का इलाज किया जा रहा है. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इलाके में शांति सुनिश्चित करने के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था करने का भी आदेश दिया.गौरतलब है कि घटना के बाद विपक्षी दलों ने संस्थान के निकट विरोध प्रदर्शन किया था. मंगलवार को मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति शंपा दत्त (पॉल) की अवकाश पीठ ने दुर्गापुर पुलिस आयुक्तालय को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि बिना उचित अनुमति के किसी को भी अस्पताल और चिकित्सा महाविद्यालय परिसर में प्रवेश की अनुमति न दी जाये. उच्च न्यायालय ने यह आदेश एक गैर सरकारी संगठन की याचिका पर दिया, जिसने राज्य सरकार को पश्चिम बर्दवान जिले के दुर्गापुर स्थित परिसर की सुरक्षा के लिए उचित संख्या में पुलिस बल तैनात करने का निर्देश देने का अनुरोध किया था.वहीं, हाइकोर्ट ने दुर्गापुर के एक निजी मेडिकल कॉलेज की छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के विरोध में भाजपा को कॉलेज से सात किलोमीटर दूर 19 अक्तूबर तक धरना देने की अनुमति दे दी है. न्यायाधीश ने कहा कि आसनसोल दुर्गापुर विकास प्राधिकरण ने धरने की अनुमति दे दी है, इसलिए न्यायमूर्ति शंपा दत्ता पाल ने दुर्गापुर थाने के ओसी को कानून के अनुसार धरने की अनुमति देने और कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
उल्लेखनीय है कि पीड़िता चिकित्सा महाविद्यालय की छात्रा है, जिसके साथ 10 अक्तूबर की रात को परिसर के बाहर कथित तौर पर तब सामूहिक दुष्कर्म किया गया था, जब वह अपने एक पुरुष मित्र के साथ खाना खाने के लिए बाहर गयी थी. पुलिस ने अब तक इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
