अनिकेत व दूसरे डॉक्टरों पर फिलहाल सख्त कार्रवाई नहीं

लकत्ता हाइकोर्ट ने बुधवार को जूनियर डॉक्टर अनिकेत महतो सहित तीन अन्य को अंतरिम राहत देते हुए निर्देश दिया कि मामले की सुनवाई पूरी होने तक उनके खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाया जाये.

By BIJAY KUMAR | July 30, 2025 11:25 PM

कोलकाता.

कलकत्ता हाइकोर्ट ने बुधवार को जूनियर डॉक्टर अनिकेत महतो सहित तीन अन्य को अंतरिम राहत देते हुए निर्देश दिया कि मामले की सुनवाई पूरी होने तक उनके खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाया जाये. राज्य सरकार ने हाइकोर्ट में याचिका दाखिल कर दलील दी थी कि यह मामला सिविल सेवा ट्राइब्यूनल के अधिकार क्षेत्र में आता है, क्योंकि डॉक्टरों का वेतन राज्य सरकार देती है. लेकिन न्यायमूर्ति विश्वजीत बसु की एकल पीठ ने इस तर्क को खारिज करते हुए कहा कि यह मामला हाइकोर्ट में ही चलेगा. यह मामला डॉक्टर अनिकेत महतो, अशफाकुल्ला नाइया और देबाशीष हाल्दार के तबादले से जुड़ा है, जो पहले आरजी कर मेडिकल कॉलेज में कार्यरत थे. आरजी कर आंदोलन में सक्रिय रहने वाले इन तीनों डॉक्टरों का हाल ही में स्थानांतरण किया गया. काउंसेलिंग प्रक्रिया के बाद देबाशीष हाल्दार को मालदा के गाजोल स्टेट जनरल अस्पताल, अनिकेत महतो को रायगंज मेडिकल कॉलेज और आशफाकुल्ला नाइया को पुरुलिया भेजा गया था. देबाशीष और आशफाकुल्ला ने अपनी नयी नियुक्ति स्थलों पर कार्यभार संभाल लिया है, लेकिन अनिकेत ने तब तक कार्यभार ग्रहण करने से इनकार कर दिया, जब तक कोर्ट इस मामले में अंतिम निर्णय नहीं लेता.

इन तीनों डॉक्टरों ने राज्य सरकार के इस फैसले को चुनौती देते हुए कलकत्ता हाइकोर्ट का रुख किया था. उनका कहना है कि आंदोलन में सक्रिय रहने के चलते चुनकर सिर्फ कुछ ही डॉक्टरों का तबादला किया गया है, जो भेदभावपूर्ण है. बुधवार को कोर्ट ने यह तय किया कि इस विवाद की सुनवाई हाइकोर्ट में ही होगी और इसके साथ ही अब मुख्य मामले की सुनवाई शुरू होगी. न्यायमूर्ति विश्वजीत बसु ने अपने आदेश में राज्य सरकार को ऐसे मामलों में अधिक सतर्क रहने की भी सलाह दी.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है