एसआइआर का असली मतलब ‘साइलेंट इनविजिबल रिगिंग’ : अभिषेक बनर्जी

सांसद व तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने एक बार फिर बिहार में स्पेशल इंटेसिव रिवीजन (एसआइआर) यानी मतदाता सूची पुनरीक्षण पर सवाल उठाया है. बुधवार को नयी दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में श्री बनर्जी ने आरोप लगाया कि एसआइआर के नाम पर इस देश के नागरिकों के नाम सूची से काटे जा रहे हैं और एक कुत्ते के नाम पर आवासीय प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा है.

By BIJAY KUMAR | July 30, 2025 11:12 PM

कोलकाता.

सांसद व तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने एक बार फिर बिहार में स्पेशल इंटेसिव रिवीजन (एसआइआर) यानी मतदाता सूची पुनरीक्षण पर सवाल उठाया है. बुधवार को नयी दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत में श्री बनर्जी ने आरोप लगाया कि एसआइआर के नाम पर इस देश के नागरिकों के नाम सूची से काटे जा रहे हैं और एक कुत्ते के नाम पर आवासीय प्रमाण पत्र जारी किया जा रहा है. हैरत वाली बात है कि चुनाव आयोग इस आवासीय प्रमाण पत्र को स्वीकार भी कर रहा है. कुत्ते के नाम पर आवासीय प्रमाण पत्र तो है, लेकिन लोग वोट नहीं डाल सकते. असल में जिस एसआइर की बात हो रही है, उसका असली मतलब ‘साइलेंट इनविजिबल रिगिंग’ (खामोश अदृश्य धांधली) है, जिसकी शुरुआत चुनाव आयोग ने भाजपा के पक्ष में की है. श्री बनर्जी ने यह भी आरोप लगाया कि जो लोग अपने मताधिकार का इस्तेमाल सरकार पर सवाल उठाने के लिए करते हैं, निर्वाचन आयोग उनके अधिकार को छीनने की कोशिश कर रहा है. वे एक तरह से पक्षपातपूर्ण व्यवहार कर रहे हैं. मुझे विश्वास है कि बिहार की जनता इसका जवाब देगी. मामला सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित है. हमें न्याय व्यवस्था पर पूरा भरोसा है. यदि वे बंगाल में भी बिहार की तरह ऐसी कोशिश करेंगे, तो उसका माकूल जवाब दिया जायेगा. बंगाल की जनता का तृणमूल के प्रति प्यार, आशीर्वाद और विश्वास बढ़ रहा है और बढ़ेगा. तृणमूल वर्ष 2026 में बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव में पिछले चुनाव की तुलना में और भी अच्छा प्रदर्शन करेगी. भाजपा लोगों का मताधिकार छीनना चाहती है.

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