विस चुनाव : भाजपा नेताओं के प्रदर्शन का होगा मूल्यांकन
राज्य में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश भाजपा के सभी नेताओं के सभी प्रकार के कार्यों व प्रदर्शन का केंद्रीय नेतृत्व द्वारा समग्र मूल्यांकन किया जायेगा. महानगर में आयोजित पार्टी की बूथ सशक्तीकरण कार्यशाला में बंगाल भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक सुनील बंसल ने यह बात कही.
कोलकाता
. राज्य में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश भाजपा के सभी नेताओं के सभी प्रकार के कार्यों व प्रदर्शन का केंद्रीय नेतृत्व द्वारा समग्र मूल्यांकन किया जायेगा. महानगर में आयोजित पार्टी की बूथ सशक्तीकरण कार्यशाला में बंगाल भाजपा के केंद्रीय पर्यवेक्षक सुनील बंसल ने यह बात कही. उन्होंने कहा कि समग्र मूल्यांकन के आधार पर सभी नेताओं को ग्रेड दिये जायेंगे. हालांकि ग्रेड सिस्टम की बात अभी बूथ स्तर की चर्चा में आयी है. नेताओं के कार्यों का मूल्यांकन केंद्रीय पर्यवेक्षक करेंगे. बंसल ने कार्यशाला में स्पष्ट किया कि राज्य में पार्टी के प्रभावशाली नेता भी इससे अछूते नहीं हैं. सभी के कार्यों का मूल्यांकन व ग्रेड निर्धारण किया जायेगा.कार्यशाला में भाजपा प्रदेश नेतृत्व ने केंद्रीय पर्यवेक्षक के समक्ष दावा किया कि राज्य के 81,000 बूथों में से 65,000 बूथों पर समितियां बन चुकी हैं. इनमें से 50,000 बूथ समितियों का सत्यापन कार्य पूरा हो चुका है, लेकिन 15,000 बूथ समितियों का सत्यापन अभी बाकी है.मुस्लिम बहुल बूथों पर बन रही समितियां : पार्टी नेताओं ने बताया कि मुस्लिम बहुल बूथों पर समितियां बनाने का काम चल रहा है. इन क्षेत्रों में पार्टी की सांगठनिक ताकत कमजोर है. पार्टी सूत्रों ने बताया कि 16 से 22 अगस्त तक जिला स्तर पर बूथ समिति के सदस्यों को प्रशिक्षण दिया जायेगा. साथ ही इस दौरान बचे हुए 15,000 बूथों पर सत्यापन का काम भी होगा. इस बीच बूथ समिति संबंधी रिपोर्ट में गड़बड़ी को रोकने और इसके गठन की प्रक्रिया को दोषरहित बनाने के लिए भाजपा ने ‘सरल’ नाम से एक खास ऐप लांच किया है. इसके जरिए शीर्ष नेतृत्व को बूथ समिति की सारी जानकारी सीधे मिलेगी. ऐप के इस्तेमाल के नियमों को समझाने के लिए सोमवार को कोलकाता स्थित नेशनल लाइब्रेरी में एक कार्यशाला आयोजित की गयी. बाद में, यह कार्यशाला 16 से 22 अगस्त तक जिला स्तर पर भी आयोजित की जायेगी.
एप से क्या-क्या फायदा?जहां भी बूथ बनेगा, वहां बूथ अध्यक्ष और सदस्यों की सारी जानकारी, आधार, मोबाइल नंबर और फोटो ऐप में अपलोड करनी होगी. परिणामस्वरूप, केंद्रीय नेतृत्व घर बैठे जान सकेगा कि किसी बूथ पर कितने सक्रिय कार्यकर्ता हैं. बूथ-आधारित निगरानी से पता चलेगा कि बूथ का गठन नियमों के अनुसार हुआ है या नहीं.
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