भाजपा पर लगाया माहौल बिगाड़ने का आरोप
सियासी बोल. दक्षिण 24 परगना के फलता में वोटर लिस्ट विवाद पर तृणमूल कांग्रेस का तंज
कोलकाता. दक्षिण 24 परगना के फलता में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी करने का आरोप है. एसआइआर प्रक्रिया को लेकर बढ़ते राजनीतिक तनाव के बीच तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा पर करारा तंज कसते हुए कहा है कि विपक्ष स्थानीय प्रशासन पर सवाल उठा कर जान-बूझकर माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है. दूसरी ओर, भाजपा ने तृणमूल के प्रभावशाली स्थानीय नेता जहांगीर खान पर गंभीर आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से कड़ा एक्शन लेने की मांग की है. विवाद तब शुरू हुआ, जब सामाजिक कार्यकर्ता व 2024 लोकसभा चुनाव में अभिषेक बनर्जी के खिलाफ प्रत्याशी रहे अभिजीत दास उर्फ बॉबी ने सोशल मीडिया पर वीडियो (जिसकी सत्यता की पुष्टि प्रभात खबर ने नहीं की है) जारी कर आरोप लगाया कि फलता में बीएलओ और बीडीओ के माध्यम से वोटर लिस्ट में मृत व्यक्तियों के नाम नहीं हटाने और अन्य बदलाव करवाने के लिए दबाव डाला जा रहा है. अपने आरोपों में उन्होंने तृणमूल के इलाके के प्रभावशाली नेता जहांगीर खान का नाम खुल कर लिया. बॉबी के आरोपों ने स्थानीय राजनीति में हलचल पैदा कर दी और मामला तेजी से चुनाव आयोग तक पहुंच गया. इसके बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष शमिक भट्टाचार्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर हमला किया और फलता के हालात का प्रत्यक्ष निरीक्षण करने की मांग की. विवाद बढ़ने के साथ ही भाजपा के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी आरोपों की नयी परत जोड़ दी. अधिकारी ने दावा किया कि फलता में आयोग की टीम पहुंचने से पहले ही हमले की तैयारी की जा रही है. उनका आरोप है कि लगभग 300 महिलाओं को इकट्ठा कर 500 रुपये देने का लालच देकर हमले की योजना बनायी जा रही है और इसमें जहांगीर खान व फलता के बीडीओ की मिलीभगत है. इन आरोपों के बीच तृणमूल ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि विपक्ष वोटर लिस्ट के सामान्य अद्यतन को लेकर राजनीतिक रंग चढ़ाने की कोशिश कर रहा है. पार्टी नेताओं का कहना है कि भाजपा चुनाव में हार की आशंका से बौखलाकर अफवाहें फैला रही है और फलता को बदनाम करने की कोशिश कर रही है. तृणमूल नेताओं का दावा है कि एसआइआर प्रक्रिया के तहत नियमित जांच व संशोधन कार्य किया जा रहा है, जिसमें किसी तरह की राजनीतिक दखल की बात पूरी तरह झूठी है. इस बीच रविवार को चुनाव आयोग की विशेष टीम फलता पहुंची और बीडीओ दफ्तर में अधिकारियों के साथ बंद कमरे में लंबी बैठक की. सूत्रों के अनुसार टीम ने आरोपों, बीएलओ की रिपोर्ट और स्थानीय प्रशासन के दस्तावेजों की विस्तृत समीक्षा की. हालांकि टीम की आधिकारिक टिप्पणी अभी सामने नहीं आयी है, लेकिन जांच जारी है. फलता में यह सवाल लगातार उठ रहा है कि आखिर जहांगीर खान की भूमिका क्या है. इलाके में लंबे समय से सक्रिय खान का प्रभाव पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ा है. विपक्ष और स्थानीय शिकायतकर्ताओं का कहना है कि इलाके के प्रशासनिक और राजनीतिक फैसलों पर उनका गहरा असर है. उधर, भाजपा ने साफ कहा है कि जब तक आयोग निष्पक्ष और कड़ी कार्रवाई नहीं करता, फलता में निष्पक्ष चुनाव कराना मुश्किल होगा. पार्टी ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि आयोग ने मामले को गंभीरता से नहीं लिया, तो वे राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करेंगे. दूसरी तरफ, तृणमूल ने इन सभी आरोपों को राजनीतिक षड्यंत्र बताते हुए कहा है कि चुनाव से पहले भाजपा जनता में भय का माहौल बनाने की कोशिश कर रही है.
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