मदन तमांग हत्याकांड में बढ़ीं बिमल गुरुंग की मुश्किलें

साथ ही गुरुंग के खिलाफ सीबीआइ को चार्ज गठित कर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू करने का भी निर्देश दिया था.

By GANESH MAHTO | April 3, 2025 1:35 AM

कोलकाता. अखिल भारतीय गोरखा लीग के अध्यक्ष मदन तमांग हत्याकांड में नया मोड़ आया है. बुधवार को मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाइकोर्ट के उस फैसले पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है, जिसमें उच्च न्यायालय ने बिमल गुरुंग के खिलाफ चार्जशीट पेश करने का आदेश दिया था. गौरतलब है कि इससे पहले जून 2024 में हाइकोर्ट के न्यायाधीश शुभेंदु सामंत ने निचली अदालत के फैसले को खारिज करते हुए हत्याकांड की जांच कर रही सीबीआइ को इस केस में गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (गोजमुमो) प्रमुख बिमल गुरुंग का नाम शामिल करने का आदेश दिया था. साथ ही गुरुंग के खिलाफ सीबीआइ को चार्ज गठित कर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू करने का भी निर्देश दिया था.

बिमल गुरुंग ने हाइकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसे अब सर्वोच्च न्यायालय ने भी खारिज कर दिया है. गौरतलब है कि इससे पहले मदन तमांग की हत्या के मामले में निचली अदालत ने बिमल गुरुंग को बरी कर दिया था. इस फैसले को चुनौती देते हुए सीबीआइ एवं मदन तमांग की पत्नी भारती तमांग ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी. 21 मई 2010 को मदन तमांग की दार्जिलिंग के क्लब साइट रोड पर सरेआम गला रेत कर हत्या कर दी गयी थी. इस हत्याकांड में बिमल गुरुंग समेत 30 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई थी. मामले की जांच करते हुए सीआइडी ने 22 आरोपियों को भगोड़ा घोषित करते हुए चार्जशीट पेश की थी. बाद में सीबीआइ को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गयी और इस जांच में मुख्य आरोपी के तौर पर बिमल गुरुंग का नाम शामिल था, लेकिन 17 अक्टूबर 2016 को कलकत्ता सिटी सेशंस कोर्ट ने सबूतों के अभाव का हवाला देते हुए बिमल गुरुंग को मामले से बरी कर दिया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से मदन तमांग हत्याकांड में बिमल गुरुंग की मुश्किलें बढ़ सकती हैं.

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