ठेकेदारों को काम न करने की सलाह पर सियासी घमासान

राज्य में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक तापमान बढ़ गया है. तृणमूल कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने ठेकेदारों को काम न करने की सलाह देकर राज्य के विकास कार्यों को बाधित करने की साजिश रची है.

By BIJAY KUMAR | November 20, 2025 11:13 PM

कोलकाता.

राज्य में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक तापमान बढ़ गया है. तृणमूल कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी पर आरोप लगाया है कि उन्होंने ठेकेदारों को काम न करने की सलाह देकर राज्य के विकास कार्यों को बाधित करने की साजिश रची है. विवाद तब भड़का जब मीडिया से बातचीत के दौरान अधिकारी ने कथित रूप से कहा कि ठेकेदार फिलहाल कोई नया काम न लें, क्योंकि भुगतान नहीं मिलेगा और फरवरी में आचार संहिता लागू होने के बाद सभी काम ठप पड़ जायेंगे. तृणमूल कांग्रेस के प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने कहा कि राज्य सरकार जनता के हित में विभिन्न विकास योजनाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पहले 100 दिनों के काम की राशि बंद कराने की कोशिश कर चुकी है और अब चुनाव से पहले अधिकारी ठेकेदारों को डराकर विकास रोकना चाहते हैं. घोष ने सवाल उठाया, “क्या चुनाव आने का मतलब है कि विकास कार्य रुक जायें?” उन्होंने कहा कि तृणमूल सरकार किसी भी राजनीतिक दबाव में आये बिना योजनाएं जारी रखेगी. कोलकाता के मेयर और तृणमूल के वरिष्ठ नेता फिरहाद हकीम ने भी अधिकारी पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि यदि शुभेंदु ठेकेदारों के जरिये कराये जा रहे कार्यों पर सवाल उठा रहे हैं, तो सांसद रहते हुए उन्होंने खुद किस व्यवस्था के तहत काम कराये थे. हकीम के अनुसार, राज्य सरकार के पास विकास कार्यों को आगे बढ़ाने का पूरा अधिकार और जिम्मेदारी है.

भाजपा नेता ने बजट व भुगतान में गड़बड़ी के लगाये आरोप

दूसरी ओर, शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग में करीब 9,114 योजनाओं के टेंडर जारी हैं, लेकिन इनके लिए बजट में धन आवंटित नहीं किया गया है. उनका कहना है कि हजारों करोड़ रुपये की कटमनी के कारण ठेकेदारों को भुगतान नहीं मिल पा रहा. उन्होंने कुछ ब्रोकरों की तस्वीरें जारी कर आरोपों को और तेज किया. अधिकारी ने यह भी कहा कि भाजपा सत्ता में आने के बाद राज्य का पुनर्निर्माण करेगी. एसआइआर प्रक्रिया को लेकर भी अधिकारी ने राज्य सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर फरवरी तक यह प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से पूरी नहीं हुई, तो संवैधानिक कदम उठाये जा सकते हैं. इस टिप्पणी को तृणमूल ने खारिज करते हुए कहा कि भाजपा चुनाव हारने के डर से बार-बार राष्ट्रपति शासन की धमकी दे रही है. कुणाल घोष ने दावा किया कि आगामी चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 250 से अधिक सीटों के साथ सत्ता में लौटेंगी.

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