सोनाली की वापसी के बाद स्वीटी के परिवार में उम्मीद की किरण जगी
आमिर ने रविवार को कहा, ‘‘मैं अब अपनी बहन और भांजों की वापसी की उम्मीद लगा रहा हूं, जो अब भी बांग्लादेश में फंसे हुए हैं क्योंकि भारत सरकार उन्हें वापस नहीं बुला रही है.
कोलकाता. बीरभूम जिले के पाइकर गांव के निवासी 30 वर्षीय आमिर खान का कहना है कि इस सप्ताह की शुरुआत में बांग्लादेश से वापस लायी गयी. उनकी पड़ोसी सोनाली बीबी के लौटने की खबर सुनकर वह उम्मीद से भर गये हैं, हालांकि अब भी उनकी चिंता बरकरार है. खान को उम्मीद है कि सोनाली की तरह ही उनकी बहन स्वीटी बीबी के भी अब घर लौट आने का रास्ता साफ हो पायेगा. आमिर ने रविवार को कहा, ‘‘मैं अब अपनी बहन और भांजों की वापसी की उम्मीद लगा रहा हूं, जो अब भी बांग्लादेश में फंसे हुए हैं क्योंकि भारत सरकार उन्हें वापस नहीं बुला रही है. आखिरकार उनकी हिरासत और बांग्लादेश भेजे की परिस्थितियां और सोनाली की परिस्थितियां एक जैसी ही थीं.’’ उन्होंने कहा कि परिवार ने पिछले सात महीनों में अधिकारियों से बार-बार कहा था कि स्वीटी एक भारतीय नागरिक है, लेकिन इन दलीलों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. खान ने कहा, ‘‘मुझे इस बात की भी आशंका है कि पिछले सात महीनों से हमारी बार-बार की गयी अपील के बावजूद कि मेरी बहन और उसके बच्चों को गलती से उठा लिया गया है और वे विदेशी धरती पर कैद रहने के हकदार नहीं है, केंद्र सरकार सुनने को तैयार नहीं है.’’ खान अब 12 दिसंबर को उच्चतम न्यायालय में होने वाली मामले की सुनवाई पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे हमारे लिए लड़ रहे लोगों ने बताया है कि उस सुनवाई के बाद मेरी बहन के वापस लौटने की प्रबल संभावना है.’’ स्वीटी और उसके दो बेटों – कुर्बान शेख (17) और इमाम दीवान (6) को दिल्ली में काटजू नगर पुलिस ने सोनाली के ही मोहल्ले से बांग्लादेशी नागरिक होने के संदेह में हिरासत में लिया और बाद में 27 जून को सीमा पार भेज दिया. खान ने बताया कि स्वीटी उस इलाके में घरेलू सहायिका का काम करती थी और 12 साल की उम्र से दिल्ली में रह रही थी. स्वीटी का तीसरा बेटा इमरान (10) बांग्लादेश भेजे जाने से बच निकला और वर्तमान में बीरभूम में अपनी दादी के साथ रहता है.
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