महालया पर गंगासागर जाने वालों को प्रशासन ने किया सतर्क
महालया पर गंगासागर में पिंडदान और स्नान करने वालों को इस बार खास सतर्क रहना होगा.
कोलकाता. महालया पर गंगासागर में पिंडदान और स्नान करने वालों को इस बार खास सतर्क रहना होगा. प्राकृतिक आपदाओं और बार-बार समुद्री धंसान के कारण गंगासागर के कुछ तट अब उपयोग लायक नहीं बचे हैं. ऐसे में प्रशासन ने एक अहम निर्देश दिया है. प्रशासन ने साफ कर दिया है कि रविवार को श्रद्धालुओं को केवल वन-बी तट पर ही जाने का लिए अनुमति दी जायेगी.
गंगासागर के दो और तीन नंबर तट पिछले दो साल से बंद पड़े हैं. हाल ही में चार नंबर तट भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. वहां बांध टूटने से चारों ओर पत्थर, ईंट के टुकड़े और मलबा फैला हुआ है. ऐसे में श्रद्धालुओं की सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन ने एकमात्र वन-बी तट पर ही महालया आयोजित करने का फैसला लिया है. इस निर्णय के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ एक ही तट पर इकट्ठा होगी, जो प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती होगी. भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए अन्य तटों की ओर जाने वाले रास्तों पर बैरिकेडिंग की जायेगी. गंगासागर के के-वन बसस्टैंड से ही पुलिस और सिविक वॉलंटियर श्रद्धालुओं को वन-बी तट जाने के लिए मार्गदर्शन करेंगे.
प्रशासन ने स्वच्छता और सुविधा को देखते हुए तट के आसपास अस्थायी छावनियां बनाने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं को अपील की है. 50 अस्थायी शौचालय की व्यवस्था रहेगी और पर्याप्त पेयजल व रोशनी की व्यवस्था की जा रही है. वहीं, रविवार दोपहर से ज्वार-भाटा की वजह से कुछ घंटों के लिए वेसल सेवा बाधित हो सकती है. ऐसे में कचुबेड़िया घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने की आशंका है. बड़ी संख्या में लोगों को एकसाथ पार कराने के लिए प्रशासन ने दो अतिरिक्त बार्ज की व्यवस्था की है.
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