मुंबई में बंगाली प्रवासी श्रमिक को उत्पीड़ित करने का आरोप

अब मुंबई में पश्चिम बंगाल के एक प्रवासी श्रमिक व उसके परिजनों को उत्पीड़ित करने का आरोप लगा है.

By SUBODH KUMAR SINGH | August 24, 2025 12:48 AM

14 वर्षों तक विभिन्न राज्यों में काम करने के बाद श्रमिक परिवार के साथ विष्णुपुर लौटा

संवाददाता, कोलकाता

अब मुंबई में पश्चिम बंगाल के एक प्रवासी श्रमिक व उसके परिजनों को उत्पीड़ित करने का आरोप लगा है. आरोप है कि दादर में 14 साल तक काम करने वाले दक्षिण 24 परगना के विष्णुपुर के कुलेरहाटी पंचायत क्षेत्र के सरदारपाड़ा निवासी सैफुल शेख (40) को लगातार स्थानीय उत्पीड़न और पुलिस की परेशानियों के कारण अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी. इसके बाद उसका और उसके परिवार का अस्थायी ठिकाना एक मंदिर भी बना. हालांकि, अब वह किसी तरह से वापस घर लौट आया है. शेख ने पत्रकारों को बताया कि वह मुंबई में अपनी पत्नी व बेटे के साथ किराये के मकान में रहता था. उसका आरोप है कि वहां बांग्ला बोलने के कारण उन्हें बांग्लादेशी बता कर परेशान किया गया. स्थानीय लोग और पुलिस ने उन्हें धमकाया. शारीरिक रूप से भी उत्पीड़ित किया गया. बाहर निकलना लगभग असंभव हो गया था. मकान मालिक ने भी घर खाली करने को कहा. अंततः लोकल ट्रेन पकड़ कर परिवार सहित कल्याण पहुंचा, लेकिन वहां भी रहने की व्यवस्था नहीं होने पर एक मंदिर में शरण ली. मंदिर के पुरोहित ने उन्हें अस्थायी रूप से रहने की अनुमति दी.

सैफुल ने बताया : मैंने फोन पर सांसद अभिषेक बनर्जी की ‘एक डाके अभिषेक’ परियोजना के जरिये अपनी समस्या बतायी. इसके बाद जिला परिषद सदस्य बाबान गाजी ने कुछ आर्थिक मदद भेजी. इसके बाद मैंने ट्रेन का टिकट खरीदा और अपने परिवार के साथ वापस घर लौट आया. 14 साल तक दादर में रहा, लेकिन कभी नहीं सोचा था कि परिचित लोग इस तरह बदल जायेंगे. अंततः भागना पड़ा. अब बाहर जाने की इच्छा नहीं है. यहां काम न हो, तो भी परिवार के साथ यहीं रहकर किसी तरह गुजर-बसर करूंगा.

वहीं, विष्णुपुर के विधायक दिलीप मंडल ने कहा कि पहले भी कई बंगाली प्रवासी श्रमिकों को वापस घर लौटने में मदद की गयी है. उन्होंने कहा कि बांग्ला बोलने के कारण किसी को परेशान किया जाये, यह स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने सैफुल की हर तरह से मदद करने का आश्वासन भी दिया.

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