राजनीति से प्रेरित था अभिजीत गांगुली का फैसला : कल्याण
कोलकाता हाइकोर्ट की डिविजन बेंच ने बुधवार को पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गांगुली का वह फैसला रद्द कर दिया, जिसमें 32 हजार शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ गयी थी.
कोलकाता. कोलकाता हाइकोर्ट की डिविजन बेंच ने बुधवार को पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गांगुली का वह फैसला रद्द कर दिया, जिसमें 32 हजार शिक्षकों की नौकरी खतरे में पड़ गयी थी. डिविजन बेंच ने स्पष्ट किया कि इतने वर्षों से नौकरी कर रहे शिक्षकों और उनके परिवारों को ध्यान में रखते हुए उनकी नौकरी नहीं छीनी जायेगी. इस फैसले के बाद तृणमूल कांग्रेस से जुड़े सांसद व वरिष्ठ अधिवक्ता कल्याण बनर्जी ने पूर्व न्यायाधीश अभिजीत गांगुली पर तीखा निशाना साधा और कहा : एक न्यायाधीश जब राजनीतिक सोच के साथ चलता है, तब ऐसे फैसले देता है. यह निर्णय पूरी तरह राजनीति से प्रेरित था. अब साबित हो गया. उन्होंने यहां तक कहा कि गांगुली न्यायपालिका के लिए कलंक हैं. बनर्जी ने कहा : आज सत्य की जीत हुई. 2023 से 2026 तक चली लंबी लड़ाई के बाद न्याय मिला. उन्होंने अदालत एकल पीठ के आदेश पर सवाल उठाते हुए कहा कि न तो सभी पक्षों की गवाही देखी गयी थी और न ही सीबीआइ रिपोर्ट को संज्ञान में लिया गया था. उन्होंने यह आरोप लगाया कि माकपा और भाजपा मिलकर शिक्षकों की नौकरी छीने जाने की साजिश कर रहे थे. अदालत ने न्याय दिया और 32 हजार शिक्षकों की नौकरी सुरक्षित रखी जा सकी.
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