हुगली में 51 बाढ़ पीड़ितों को मिलेगा मुआवजा, सीएम ने की घोषणा
इस संबंध में तृणमूल कांग्रेस के चुंचुड़ा स्थित खादिना मोड़ कार्यालय में आयोजित प्रेस काॅन्फ्रेंस की गयी, जिसमें जिले के तृणमूल नेतृत्व ने मुख्यमंत्री की घोषणा का विस्तृत विवरण दिया.
हुगली. हाल ही में आयी बाढ़ से प्रभावित परिवारों के लिए राज्य सरकार ने बड़ी राहत की घोषणा की है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उत्तर बंगाल के सिलीगुड़ी स्थित ‘उत्तरकन्या’ से राज्य के 22 जिलों के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक करते हुए बाढ़ पीड़ितों को मुआवज़ा देने का निर्णय लिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर बंगाल में बाढ़ से क्षतिग्रस्त परिवारों को आर्थिक सहायता दी जायेगी. साथ ही, दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) के जल छोड़ने के कारण दक्षिण बंगाल के हुगली, हावड़ा सहित कई जिलों में भी भारी क्षति हुई है. उन्होंने स्पष्ट किया कि इन जिलों के प्रभावित लोगों को भी राज्य सरकार की ओर से सहायता राशि दी जायेगी. विधायक रामेंदु सिंहराय के मुताबिक, हुगली जिले के खानाकुल क्षेत्र के दो ब्लॉकों में 51 घर पूरी तरह ध्वस्त हो गए हैं. राज्य सरकार ने प्रत्येक प्रभावित परिवार को 1 लाख 20 हजार रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की है. वहीं जिन किसानों की फसलें बाढ़ में नष्ट हो गयी हैं, उन्हें नि:शुल्क रासायनिक खाद, बीज और सूक्ष्म पोषक तत्व (अनुखाद्य) प्रदान किये जायेंगे. इस संबंध में तृणमूल कांग्रेस के चुंचुड़ा स्थित खादिना मोड़ कार्यालय में आयोजित प्रेस काॅन्फ्रेंस की गयी, जिसमें जिले के तृणमूल नेतृत्व ने मुख्यमंत्री की घोषणा का विस्तृत विवरण दिया. बैठक में आरामबाग की सांसद मिताली बाग, विधायक अरिंदम गुइन, रामेंदु सिंह राय, असीत मजूमदार और असीमा पात्र उपस्थित रहीं. मुख्यमंत्री ने बैठक में यह भी घोषणा की कि उत्तर बंगाल में “महाकाल मंदिर” का निर्माण किया जाएगा. उन्होंने कहा कि मंदिर के ट्रस्ट में किन लोगों को शामिल किया जायेगा, यह भी जल्द तय कर लिया जायेगा. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए तारकेश्वर के विधायक रामेंदु सिंह राय ने कहा कि तारकेश्वर में पहले से ही प्रसिद्ध शिव मंदिर है और महाकाल मंदिर निर्माण के कार्य में आवश्यकता पड़ने पर तारकेश्वर मंदिर प्राधिकरण से भी सहयोग लिया जा सकता है. दुर्गांगन का काम शुरू हुआ है. एसआइआर पर चर्चा करते हुए यह बताया गया कि सात नवंबर तक एसआइआर के आतंक से 14 लोगों की मौत हो गयी है. इसके लिए चुनाव आयोग और केंद्र सरकार जिम्मेदार है. दो महीने के अंदर आनन फानन में एसआइआर करा कर वोटरो का नाम काटकर चुनाव में भाजपा धांधली करना चाहती है. बंगाल से एक भी मतदाता का नाम काटा गया तो दिल्ली तक आंदोलन होगा. 1971 में जो लोग बांग्लादेश से बंगाल आये हैं. उन्हें आतंकित होने की जरूरत नहीं है. खासकर राजवंशी और मतुआ समुदाय के लोगों को आतंकित होने की जरूरत नहीं है.
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