अदालत ने जेएमबी के पांच आतंकियों को देशद्रोह के जुर्म में उम्रकैद की सुनायी सजा

कोलकाता के सिटी सेशन कोर्ट ने बांग्लादेशी आतंकवादी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के पांच सदस्यों को देशद्रोह में दोषी करार देते हुए बुधवार को उन्हें उम्रकैद की सजा सुनायी.

By AKHILESH KUMAR SINGH | December 4, 2025 1:08 AM

दोषी खागड़ागढ़ विस्फोटक कांड से भी जुड़े

संवाददाता, कोलकाताकोलकाता के सिटी सेशन कोर्ट ने बांग्लादेशी आतंकवादी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के पांच सदस्यों को देशद्रोह में दोषी करार देते हुए बुधवार को उन्हें उम्रकैद की सजा सुनायी. इन आतंकियों का संबंध वर्ष 2014 के बर्दवान के खागड़ागढ़ विस्फोटक कांड से भी जुड़ा पाया गया है. अदालत ने करीब नौ साल की लंबी सुनवाई के बाद मंगलवार को उन्हें दोषी ठहराया और एक दिन बाद बुधवार को सजा का एलान किया. अदालत ने एक अन्य आरोपी अब्दुल कलाम को सभी आरोपों से बरी कर दिया है.दोषी करार दिये गये आतंकियों में मोहम्मद रुबेल, जबीरुल इस्लाम, मोहम्मद शाहिदुल इस्लाम, मौलाना यूसुफ शेख और अनवर हुसैन उर्फ अनवर शामिल हैं. ये सभी वर्ष 2016 में उत्तर 24 परगना जिले के बनगांव, बशीरहाट तथा पड़ोसी राज्य असम के विभिन्न इलाकों से कोलकाता पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) के हाथों गिरफ्तार हुए थे. गिरफ्तारी के दौरान सुरक्षा एजेंसियों ने उनके पास से विस्फोटक सामग्री, जिहादी दस्तावेज, संचार उपकरण और फर्जी पहचान पत्र बरामद किये थे. इन सामग्रियों ने स्पष्ट किया था कि वे भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने की साजिश में सक्रिय थे.

लगभग नौ वर्षों की सुनवाई के दौरान अदालत ने 15 गवाहों के बयान दर्ज किये और कई तकनीकी व फॉरेंसिक साक्ष्यों की जांच की. अदालत ने यह पाया कि पांचों भारत के खिलाफ हिंसक आतंकी अभियानों की तैयारी में शामिल थे. उनका उद्देश्य देश की सुरक्षा व्यवस्था को निशाना बनाना था. इसी आधार पर अदालत ने उन्हें देशद्रोह, आपराधिक साजिश और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम सहित कई गंभीर धाराओं में दोषी करार दिया. सजा के तौर पर अदालत ने पांचों को देशद्रोह के मामले में उम्रकैद और 20 हजार रुपये जुर्माने का आदेश दिया है. जुर्माना न देने की स्थिति में उन्हें तीन महीने की अतिरिक्त कैद भुगतनी होगी. मौलाना यूसुफ शेख को एक अन्य धारा में भी उम्रकैद की सजा और 50 हजार रुपये का जुर्माना सुनाया गया है. इस जुर्माने का भुगतान न करने पर छह महीने की अतिरिक्त कैद होगी. इसी तरह मोहम्मद रुबेल और मोहम्मद शाहिदुल इस्लाम को एक अन्य अपराध में पांच वर्ष की सजा और 10 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना न देने पर दोनों को एक महीने की अतिरिक्त जेल की सजा भुगतनी होगी. अनवर हुसैन और जबीरुल इस्लाम बांग्लादेशी नागरिक हैं. अदालत ने उन्हें विदेशी नागरिक अधिनियम के तहत भी दोषी ठहराया है और इस कानून के तहत तीन वर्ष की कैद एवं 50 हजार रुपये जुर्माने का आदेश दिया है. इसके अलावा दोनों को एक अन्य धारा में पांच वर्ष की कैद और 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा भी सुनायी गयी है.

जांच एजेंसियों के अनुसार इन पांचों का नाम खागड़ागढ़ विस्फोटक कांड से भी जुड़ा पाया गया है. दो अक्तूबर, 2014 को बर्दवान जिले के खागड़ागढ़ में एक घर में भीषण विस्फोट हुआ था, जिसमें जिहादी मॉड्यूल से जुड़े शाकिल गाजी नाम के एक व्यक्ति की तत्काल मौत हो गयी थी. बाद की जांच में सामने आया कि यह मॉड्यूल जेएमबी से जुड़ा था और पश्चिम बंगाल तथा देश के अन्य इलाकों में आतंकी घटनाओं की योजना बना रहा था. वर्ष 2016 में गिरफ्तार इन पांचों अभियुक्तों के संपर्क इस मॉड्यूल से जुड़े मिले थे, जो अदालत में भी सिद्ध हुआ.

इन्हें सुनायी गयी है सजा

दोषी करार दिये गये आतंकियों में मोहम्मद रुबेल, जबीरुल इस्लाम, मोहम्मद शाहिदुल इस्लाम, मौलाना यूसुफ शेख और अनवर हुसैन उर्फ अनवर शामिल हैं. इन्हें उम्रकैद की सजा मिली है.

राज्य में देशद्रोह के मामले में पहली बार उम्रकैद की सजा

सरकारी पक्ष के अनुसार पश्चिम बंगाल में देशद्रोह के किसी मामले में पहली बार किसी दोषी को उम्रकैद की सजा सुनायी गयी है. सरकारी वकील ने कहा कि यह सजा स्पेशल टास्क फोर्स की सटीक और पेशेवर जांच का परिणाम है. अदालत के आदेश के बाद सभी दोषियों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था में कारागार ले जाया गया.

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