कोलकाता मेट्रो में खाली पड़े हैं 286 मोटर मैन के पद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों कोलकाता की बहुप्रतिक्षित और सबसे लोकप्रिय ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर के एस्प्लेनेड से सियालदह तक के सेक्शन में मेट्रो परिचालन को हरी झंडी दिखायी

By SUBODH KUMAR SINGH | August 26, 2025 2:04 AM

600 से ज्यादा ट्रैफिक कर्मचारियों के पद भी हैं खाली

संवाददाता, कोलकाता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों कोलकाता की बहुप्रतिक्षित और सबसे लोकप्रिय ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर के एस्प्लेनेड से सियालदह तक के सेक्शन में मेट्रो परिचालन को हरी झंडी दिखायी, उन्होंने इसके साथ ही दो अन्य रूटों येलो लाइन मेट्रो कॉरिडोर के नोवापाड़ा से जय हिंद बिमानबंदर और ऑरेंज कॉरिडोर के हेमंत मुखोपाध्याय-बेलियाघाटा सेक्शन का उद्घाटन किया.

मेट्रो रेलवे अधिकारियों द्वारा बार-बार दावा किया जाता है कि पिछले 10 वर्षों में कोलकाता में मेट्रो कॉरिडोर में 30 किमी. से ज्यादा का इजाफा हुआ है, लेकिन दूसरी तरफ तृणमूल कांग्रेस के श्रमिक संगठन आइएनटीटीयूसी से संबद्ध मेट्रो रेलवे प्रगतिशील श्रमिक कर्मचारी यूनियन के उपाध्यक्ष सुभाशीष सेनगुप्ता ने कहा मेट्रो में स्टाफ की काफी कमी है. मोटर मैन के लिए मेट्रो में 540 पोस्ट हैं, लेकिन वर्तमान में मात्र 254 की मोटर मैन ही हैं. यानी मेट्रो में 50 प्रतिशत मेट्रो चालकों का पद खाली पड़ा है. किसी तरह से ओवरटाइम से काम चलाया जा रहा है.

इसी तरह से 600 से ज्यादा ट्रैफिक स्टाफ के पद खाली पड़े हैं. ट्रैफिक स्टाफ में स्टेशन सुपरीटेंडेंट, स्टेशन मास्टर, ट्रैफिक असिस्टेंट और असिस्टेंट ट्रैफिक इंस्पेक्टर व असिस्टेंट मोटर मैन शामिल हैं. वर्तमान में कोलकाता मेट्रो में 3300 स्टाफ हैं.

ब्लू लाइन के कर्मचारियों को लेकर नयी लाइनों को किसी तरह से चलाया जा रहा है. श्री सेनगुप्ता का दावा है कि मेट्रो में नयी भर्तियां नहीं हो रही हैं, दूसरी तरफ हर माह चार से पांच कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं. ऐसे में रेल मंत्रालय से हमारी मांग है कि नये रूटों के साथ कर्मचारियों की नियुक्ति भी हो.

यदि तृणमूल श्रमिक यूनियन के दावों पर गौर करें तो लगभग इसके दोगुने कर्मचारियों की आवश्यकता वर्तमान में मेट्रो रेलवे को सुचारू रूप से चलाने की लिए पड़ने वाली है. यूनियन का यह भी दावा है कि भर्तियां रुकी हुई हैं, नयी सेवाओं को संभालने के लिए कर्मचारियों के तबादले हो रहे हैं. यूनियन का तो यहां तक दावा है कि नयी लाइनों के चलने से अभी जो दबाव है, वह तो है ही दुर्गापूजा के दौरान यह और ज्यादा बढ़ने वाला है.

मेट्रो रेलवे के एक अधिकारी का दावा है कि यदि यही स्थिति बनी रही, तो दुर्गापूजा के दौरान मेट्रो कर्मचारियों पर काम का दबाव और बढ़ जायेगा. उनका यह भी मानना है कि सेवाओं के बढ़ने से कर्मचारियों को बार-बार एक कॉरिडोर से दूसरे कॉरिडोर में स्थानांतरित करना पड़ रहा है.

पिछले 10 सालों में नयी मेट्रो लाइन :

पर्पल लाइन : जोका से तारातला बाद में माझेरहाट का विस्तारीकरण

येलो लाइन : कवि सुभाष से हेमंत मुखोपाध्याय (रूबी मोड़ तक)

ग्रीन लाइन : साल्टलेक सेक्टर-5 से साल्टलेक स्टेडियम उसके बाद फूलबागान, फिर सियालदह स्टेशन तक विस्तार

ग्रीन लाइन : हावड़ा मैदान से एस्प्लेनेड तक

22 अगस्त को प्रधानमंत्री ने ग्रीन लाइन के मध्य भाग एस्प्लेनेड से सियालदह सेक्शन, एलो लाइन में हेमंत मुखोपाध्याय सेक्शन और ऑरेंज लाइन नोआपाड़ा से बिमानबंदर मेट्रो कॉरिडोर का उद्घाटन किया.

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