विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित

कोलकाता : राज्य विधानसभा ने सोमवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से पेश प्रस्ताव को पारित कर दिया. प्रस्ताव में सीएए को तत्काल निरस्त करने, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को वापस लेने की मांग की गयी. प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 28, 2020 3:04 AM

कोलकाता : राज्य विधानसभा ने सोमवार को संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ राज्य सरकार की ओर से पेश प्रस्ताव को पारित कर दिया. प्रस्ताव में सीएए को तत्काल निरस्त करने, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) और प्रस्तावित राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को वापस लेने की मांग की गयी. प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून संविधान और मानवता के खिलाफ है. उन्होंने कहा : हम चाहते हैं कि इस कानून को तत्काल निरस्त किया जाये. हम एनपीआर को भी निरस्त कराना चाहते हैं.

प्रस्ताव का विपक्षी दलों कांग्रेस और माकपा नीत वाम मोर्चा ने समर्थन किया. जबकि, भाजपा विधायक दल ने प्रस्ताव का विरोध किया और सीएए के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तथा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया. गौरतलब है कि केरल, राजस्थान और पंजाब विधानसभा पहले ही नये नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव पास कर चुकी हैं.
संशोधित नागरिकता कानून राज्य में सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस और विपक्षी भाजपा के बीच तकरार का नया मुद्दा बन कर उभरा है. एक ओर, जहां तृणमूल कांग्रेस इस विवादित कानून का पूरी ताकत के साथ विरोध कर रही है, वहीं भाजपा इसे लागू करने पर जोर दे रही है. इससे पहले राज्य विधानसभा ने सितंबर 2019 में एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था, जिसका भाजपा ने विरोध किया था.
एनपीआर लागू नहीं होने देंगे
विधानसभा में नागरिकता संशोधन कानून के पारित होने के साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल में एनपीआर को भी लागू नहीं किया जायेगा, क्योंकि एनपीआर, राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) का ही प्रथम रूप है. अगर हम यहां एनपीआर लागू करते हैं तो एनआरसी भी लागू करने के लिए बाध्य होना होगा. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में एनआरसी, सीएए या एनपीआर कुछ भी लागू नहीं होगा.
सीएए के खिलाफ लगातार होगा आंदोलन : ममता
मुख्यमंत्री ने नेताजी इंडोर स्टेडियम में तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद की सभा को संबोधित करते हुए कहा कि सीएए के खिलाफ राज्य भर में लगातार आंदोलन होगा. उन्होंने कहा कि सीएए के खिलाफ दूसरे राज्यों को भी केंद्र सरकार की मुखालफत में खड़ा होना चाहिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरस्वती पूजा के बाद सीएए के खिलाफ आंदोलन और जोरदार होगा.
उन्होंने बताया कि सीएए के खिलाफ तृणमूल छात्र परिषद के धर्मतला स्थित धरना मंच से अगले तीन दिनों तक यानी 28 से 30 जनवरी तक तृणमूल के श्रमिक संगठन, आइएनटीटीयूसी की ओर से धरना दिया जायेगा. एक व दो फरवरी को राज्य के विभिन्न ब्लॉकों में तृणमूल के विभिन्न संगठनों की ओर से धरना प्रदर्शन किया जायेगा. पांच फरवरी को राज्य भर में मानव बंधन आयोजित होगा. इसके बाद छह व सात फरवरी को मौन जुलूस निकाला जायेगा.
प्रदर्शनकारी हाथों में पोस्टर लेकर जुलूस निकालेंगे. 10 से 13 फरवरी तक राज्य भर में घरों में जाकर छात्र संगठन लोगों को सीएए के दुष्परिणामों के संबंध में जानकारी देंगे. मुख्यमंत्री ने बताया कि छात्र व युवा संगठन के नये चेहरों को सामने लाने काम भी शुरू किया जायेगा.
सीएए के खिलाफ आंदोलनकारियों को लड़ाई में मजबूत बनाने के लिए उनकी कार्यशाला भी आयोजित होगी.मुख्यमंत्री ने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भगवा पार्टी अन्य लोगों को गुलाम समझती है. भाजपा अब तय कर रही है कि कौन चिवड़ा खायेगा और कौन नहीं. मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों को आगाह करते हुए कहा कि आंदोलन हिंसक नहीं होना चाहिए.

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