“देश के योजनाबद्ध आर्थिक विकास में आइएसआइ का अहम योगदान” : प्रणब मुखर्जी

कोलकाता : इंडियन स्टेटिसटिकल इंस्टीट्यूट (आइएसआइ) के प्लेटिनम जुबली ऑडिटोरियम में गुरुवार को एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी काे यहां विशेष रूप से सम्मानित किया गया. इस माैके पर श्री मुखर्जी ने कहा कि आइएसआइ में आकर मुझे बहुत खुशी हो रही है, क्योंकि इस संस्थान से […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 12, 2019 2:53 AM
कोलकाता : इंडियन स्टेटिसटिकल इंस्टीट्यूट (आइएसआइ) के प्लेटिनम जुबली ऑडिटोरियम में गुरुवार को एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया. भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी काे यहां विशेष रूप से सम्मानित किया गया. इस माैके पर श्री मुखर्जी ने कहा कि आइएसआइ में आकर मुझे बहुत खुशी हो रही है, क्योंकि इस संस्थान से चेयरमैन के रूप में मेरा भी खास लगाव रहा है.
यह एक ऐसा खास संस्थान है, जो रिसर्च व अध्यापन के प्रति समर्पित है. नेचरल व सामाजिक विज्ञान में स्टेटिसटिक्स के एप्लीकेशंस के डाटा प्रदान करने में इस संस्थान की खास भूमिका है. इसकी स्थापना 17 दिसंबर, 1931 में प्रोफेसर पीसी महालनबिस ने की थी. श्री महालनबिस देश के एक बेहतरीन आर्किटेक्ट के रूप में जाने जाते हैं.
भारतीय स्टेटिसटिक्स में, विशेषकर देश की दूसरी पंचवर्षीय योजना में आइएसआइ के संस्थापक प्रोफेसर प्रशांत चंद्रा महालनबिस का काफी अहम योगदान रहा है. संस्थान की उपलब्धियों के जरिये देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में उनकी अहम भूमिका रही है. सामाजिक विज्ञान के अनुसंधान डाटा पर संस्थान गहन अध्ययन कर रहा है.
एसआइ के पूर्व चेयरमैन व देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि देश के योजनाबद्ध आर्थिक विकास में आइएसआइ की महत्वपूर्ण भूमिका है. डाटा बेस अध्ययन को कभी भी झुठलाया या मैन्युप्लेट नहीं किया जा सकता है. तथ्यों को हमेशा संग्रहित करके रखा जा सकता है. बंगाल में वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति की ओर इशारा करते हुए श्री मुखर्जी ने कहा कि प्रजातांत्रिक व्यवस्था में राजनीतिक स्तर पर कितना भी विवाद क्यों नहीं हो, संवाद के माध्यम से इसको सुलझाया जा सकता है.
डायलॉग से राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक व प्रशासनिक सभी समस्याओं का हल निकाला जा सकता है. यहां आकर काफी उत्साहित हूं व संस्थान के चेयरमैन के रूप में अपना आभार व्यक्त करता हूं. कार्यक्रम में राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि प्रणब मुखर्जी देश के एक वास्तविक राजनेता हैं, जिन्होंने देश के संसदीय एडमिनिस्ट्रेशन को मजबूत करने व भारत के आर्थिक सुधार में काफी योगदान दिया है. विश्व के सबसे बड़े प्रजातंत्र में वे एक सफल वित्तमंत्री के रूप में सक्रिय रहे हैं.
देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है. श्री मुखर्जी वास्तव में भारत रत्न के हकदार हैं. कार्यक्रम में भारत सरकार के स्टेटिसटिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लीमेनटेशन मंत्रालय के महानिदेशक तापस कुमार सान्याल व इकोनॉमिक एडवाइजरी काउंसिल टू प्राइम मिनिस्टर के चेयरमैन व आइएसआइ के अध्यक्ष पद्मश्री विवेक देवराय ने स्वागत भाषण दिया. कार्यक्रम में नेशनल स्टेटिसटिकल कमीशन के चेयरमैन प्रो. बिमल राय व प्रो. गाैतम मुखर्जी ने भी अपने विचार रखे.
कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन इंडियन स्टेटिसटिकल इंस्टीट्यूट की निदेशक प्रोफेसर संघमित्रा बंद्योपाध्याय ने दिया. कार्यक्रम में संस्थान की ओर से पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संस्थान से जुड़े रहने के संस्करणों के साथ एक स्मरणनीय एलबम लांच किया गया.

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