अपने कर्मों से गिर जायेगी ममता सरकार : विजयवर्गीय

नवीन कुमार राय, कोलकाता : पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने फोन पर प्रभात खबर के वरीय संवाददाता से दावा किया कि मौजूदा राज्य सरकार अपने कर्मों के करण कभी भी गिर जायेगी. इसको गिराने के लिए भाजपा को कोई पहल करने की जरूरत नहीं है. भोपाल में मौजूद कैलाश विजयवर्गीय पश्चिम बंगाल […]

By Prabhat Khabar Print Desk | May 27, 2019 6:46 AM

नवीन कुमार राय, कोलकाता : पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने फोन पर प्रभात खबर के वरीय संवाददाता से दावा किया कि मौजूदा राज्य सरकार अपने कर्मों के करण कभी भी गिर जायेगी. इसको गिराने के लिए भाजपा को कोई पहल करने की जरूरत नहीं है. भोपाल में मौजूद कैलाश विजयवर्गीय पश्चिम बंगाल की राजनीति में पैनी नजर बनाये हुए हैं और वह हर पहलू पर विचार कर रहे हैं.

उन्होंने कहा कि जिस तरह से आतंक के साये में पश्चिम बंगाल में चुनाव हुआ है, वह पूरे देश को विश्व के मानचित्र पर शर्मिंदा कर दिया है. पूरे विश्व में पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र के नाम पर तृणमूल कांग्रेस के लोगों द्वारा की गयी हिंसा सुर्खियों में रही है, लेकिन बंगाल के जुझारू जनता के साहस की सराहना करनी होगी कि वह हिंसा का मुकाबला सत्याग्रह से करते हुए तृणमूल कांग्रेस को माकूल जवाब दिया है.
उन्होंने कहा कि अपनी हार से बौखलायी ममता बनर्जी ने चुनाव के बाद आये नतीजों को लेकर जो समीक्षा बैठक की और जिस तरह से अपनी पार्टी के नेताओं को हटाने का फरमान जारी किया, वह उनके बौखलाहट की प्रमाण है.
ममता छोटे मोहरों को बदल कर लंबी बाजी जीतना चहती हैं. हालांकि बंगाल की जनता यह समझ गयी है कि बंगाल की बदहाली और लोकतंत्र की धज्जी उड़ाने की जिम्मेवार केवल मात्र ममता बनर्जी हैं. उन्हीं की वजह से जहां मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति हो रही है,
जिसका नतीजा यह है कि बंगाल में एक तरफ जहां बांग्लादेशी घुसपैठिये घुस रहे हैं तो दूसरी तरफ रोहिंग्या को बसाया जा रहा है. इस बात से इस देश के नागरिक सकते में हैं. उनको अपने अस्तित्व का संकट महसूस हो रहा है. लोग यह जानते हैं कि राष्ट्रवाद की राह पर चलते हुए भाजपा पश्चिम बंगाल में एनआरसी और नागरिक संशोधन बिल को लागू करेगी.
इससे इस देश के नागरिकों को अपनी जमीन मिलेगी. भाजपा स्पष्ट रूप से मानती है कि अपने धर्म, जाति और अस्मत की रक्षा करने के लिए बांग्लदेश के जो अल्पसंख्यक हिंदुस्तान आये हैं चाहे वह हिंदू हो अथवा जैन या सिख वह सभी शरणार्थीं हैं. उनको यहां पनाह मिलेगी, लेकिन मुसलमान घुसपैठिये जो इस देश में आये हैं उनको वापस भेजा जायेगा. जो मुसलमान इस देस के हैं, उनके लिए यहां की नागरिकता बरकरार है.

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