पीएम मोदी ने जब कहा ममता दीदी आज भी मेरे लिए कुर्ते भेजती हैं, तो बोलीं बंगाल की सीएम-जो भी मेरे पास आता है मैं उसे…

-अभिनेता अक्षय ने लिया पीएम मोदी का पहला गैर राजनीतिक इंटरव्यू प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभिनेता अक्षय कुमार को पहला गैर राजनीतिक इंटरव्यू दिया है. इस बातचीत में पीएम मोदी ने जीवन से जुड़े सभी अनुभवों को साझा किया है. अपनी निजी जिंदगी से जुड़े कई सवालों का जवाब भी दिया है. इस गैर राजनीतिक […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 25, 2019 10:13 AM

-अभिनेता अक्षय ने लिया पीएम मोदी का पहला गैर राजनीतिक इंटरव्यू

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभिनेता अक्षय कुमार को पहला गैर राजनीतिक इंटरव्यू दिया है. इस बातचीत में पीएम मोदी ने जीवन से जुड़े सभी अनुभवों को साझा किया है. अपनी निजी जिंदगी से जुड़े कई सवालों का जवाब भी दिया है. इस गैर राजनीतिक चर्चा में पीएम मोदी ने कहा कि 24 घंटे राजनीति की बात में हम उलझे रहते हैं, अच्छा है, आपने (अक्षय) हल्की-फुल्की बातें करने का मौका दिया.

कुछ रोचक सवालों का यूं दिया जवाब

-विपक्षी नेताओं के साथ कैसे रिश्ते हैं?
विपक्षी दलों में भी बहुत अच्छे मित्र हैं. ममता दीदी साल में आज भी मेरे लिए एक-दो कुर्ते और मिठाई भेजती हैं. बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना साल में 3-4 बार ढाका से मिठाई भेजती हैं.
-अलादीन का चिराग मिले, तो क्या करेंगे?
मैं उसे कहूंगा की ये जितने भी समाजशास्त्री और शिक्षाविद हैं उनके दिमाग में भर दो कि वह आने वाली पीढ़ियों को अलादीन के चिराग वाली थ्योरी पढ़ाना बंद कर दें. उन्हें मेहनत करने की शिक्षा दें.
ममता का जवाब : रसगुल्ला खिलायेंगे, लेकिन नहीं देंगे एक भी वोट
कोलकाता : प्रधानमंत्री के बयान के बाद ममता बनर्जी ने पलटवार करते हुए कहा : जो भी मेरे पास आता है. मैं उसे चाय पिलाती हूं और मिठाई भी खिलाती हूं. यह हमारी परंपरा है, लेकिन चाय पिलायेंगे, रसगुल्ला खिलायेंगे, लेकिन एक भी वोट नहीं देंगे. माकपा के राज्य सचिव डॉ सूर्यकांत मिश्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने जानबूझ कर या फिर अनजान में ममता द्वारा मिठाई व कुर्ता उपहार भेजे जाने की बात भले ही कही हो, लेकिन इससे साबित हो गया है कि दोनों एक ही हैं व उनमें मिलीभगत है. तृणमूल सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि मोदी को यदि साहस है, तो वह बंगाल की जनसभा में यह बात स्वीकार करें कि दीदी उन्हें मिठाई भेजती हैं. वह बंगाल में कुछ कहते हैं और दिल्ली में कुछ और यह उनका दोहरापन है.

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