मतदान के लिए पेड लीव से अनभिज्ञ हैं चाय बागान के श्रमिक

कोलकाता : दार्जिलिंग और सिलीगुड़ी के चाय बागान वाले क्षेत्रों में दूसरे चरण में 18 अप्रैल को मतदान होगा, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि चाय बागान के श्रमिकों को इसकी जानकारी नहीं है कि उन्हें मतदान के लिए जो छुट्टी मिलती है उसका भुगतान भी किया जाता है. राज्य सरकार ने चुनाव की […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 16, 2019 2:02 AM

कोलकाता : दार्जिलिंग और सिलीगुड़ी के चाय बागान वाले क्षेत्रों में दूसरे चरण में 18 अप्रैल को मतदान होगा, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि चाय बागान के श्रमिकों को इसकी जानकारी नहीं है कि उन्हें मतदान के लिए जो छुट्टी मिलती है उसका भुगतान भी किया जाता है.

राज्य सरकार ने चुनाव की घोषणा के साथ ही अधिसूचना जारी कर चाय बागान के श्रमिकों को पेड लीव (सवैतनिक अवकाश) देने का निर्देश दिया था.
उत्तर बंगाल के एक चाय श्रमिक ने कहा, मुझे पता है कि मतदान मेरा अधिकार है. मेरी कंपनी इसे छुट्टी के रूप में घोषित करती है, लेकिन हम एक दिन का वेतन खो देते हैं.
आइएनटीयूसी की केंद्रीय समिति के अध्यक्ष आलोक चक्रवर्ती ने कहा कि विशेष रूप से दूर-दराज के इलाकों में रहने वाले चाय बागान के श्रमिक पेड लीव से पूरी तरह अनजान हैं. अपने फायदे के लिए चाय कंपनियां भी उन्हें इसकी जानकारी नहीं देती हैं.
उन्होंने बताया कि एक अध्ययन से पता चलता है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारतीय चाय की बढ़ती मांग से असम और दार्जिलिंग में चाय उत्पादन का कारोबार फल-फूल रहा है. चाय बागान के मालिक इसका भरपूर लाभ भी उठा रहे हैं, लेकिन राज्य और केंद्र सरकार के बीच खराब समन्वय के कारण मजदूर इससे वंचित है.
राज्य सरकार के नवीनतम निर्देशों के अनुसार, एक चाय श्रमिक का दैनिक वेतन 176 रुपये होना चाहिए. वे भविष्य निधि और ग्रेच्युटी प्राप्त करने के लिए भी उत्तरदायी हैं.

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