BJP इस तरह ममता बनर्जी के TMC को घेर रही है बंगाल में !

कोलकाता : लोकसभा चुनाव से पहले टिकट वितरण को लेकर सभी पार्टियां माथापच्ची करने में लगी हुई है. इसी बीच एक खबर पश्‍चिम बंगाल के तृणमूल कांग्रेस से आ रही है जहां नेताओं का भाजपा में जाने का सिलसिला जारी है. यही नहीं ममता बनर्जी की पार्टी में टिकट वितरण को लेकर भारी असंतोष भी […]

By Prabhat Khabar Print Desk | March 16, 2019 12:56 PM

कोलकाता : लोकसभा चुनाव से पहले टिकट वितरण को लेकर सभी पार्टियां माथापच्ची करने में लगी हुई है. इसी बीच एक खबर पश्‍चिम बंगाल के तृणमूल कांग्रेस से आ रही है जहां नेताओं का भाजपा में जाने का सिलसिला जारी है. यही नहीं ममता बनर्जी की पार्टी में टिकट वितरण को लेकर भारी असंतोष भी नजर आ रहा है.

यहां आपको बताते चलें कि कभी तृणमूल कांग्रेस में दूसरे नंबर की हैसियत रखने वाले मुकुल राय अब भाजपा में हैं. असंतुष्ट नेताओं और कुछ निर्वाचित प्रतिनिधियों तक को अपनी पूर्व पार्टी से भाजपा में लाने में उनकी भूमिका अहम बतायी जा रही है.

लोकसभा चुनाव के लिए जब तृणमूल ने अपने 42 उम्मीदवारों की सूची जारी की तब पार्टी में असंतोष के स्वर भी उठने लगे. इस सूची में कूचबेहार, बशीरहाट, झाड़ग्राम, मेदिनीपुर, बोलपुर, विष्णुपुर और कृष्णनगर लोकसभा सीटों के वर्तमान सांसदों के नाम नहीं हैं. इन सीटों पर तृणमूल के स्थानीय नेतृत्व में मची कलह का भाजपा ने पिछले पांच साल में जम कर फायदा उठाते हुए अपने लिए रास्ते बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

कुछ सीटों पर तृणमूल पार्टी ने अपने पुराने नेताओं की उपेक्षा की और नौसिखियों, फिल्मी सितारों तथा कांग्रेस एवं वाम दलों से आए लोगों को प्रमुखता दी. सांसद सौमित्र खान, सांसद अनुपम हाजरा और चार बार विधायक रहे वरिष्ठ तृणमूल नेता अर्जुन सिंह भाजपा का दामन थाम चुके हैं. भगवा दल के नेताओं का दावा है कि आने वाले कुछ दिनों में कई तृणमूल विधायक और अन्य नेता भाजपा में शामिल होंगे.

तृणमूल के दक्षिण दिनाजपुर जिला प्रमुख बिप्लव मित्रा बेलुरघाट लोकसभा सीट से अर्पिता घोष को दोबारा टिकट दियेजाने पर अपनी नाराजगी खुल कर जाहिर कर चुके हैं. मित्रा ने कहा ‘‘मैं पार्टी को बता चुका था कि बेलुरघाट के लोग अर्पिता के कामकाज से खुश नहीं हैं. इस बार उनकी जीत की कोई गारंटी नहीं है. कई योग्य नेता हैं. अगर उन्हें टिकट मिलता तो हम जीत जाते. हालांकि अर्पिता की जीत सुनिश्चित करने के लिए हम कोई कसर नहीं छोड़ेंगे.’

रंगमंच की कलाकार अर्पिता तब से ममता की बुद्धिजीवी ब्रिगेड का हिस्सा रही हैं जब वह पूर्ववर्ती वाम मोर्चा सरकार के खिलाफ लड़ रही थीं. अर्पिता कहती हैं कि जब तक ममता का आशीर्वाद उनके साथ है तब तक उन्हें कोई नहीं हरा सकता.

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