Kolkata Metro : ड्राइवर गेट खोल देता, तो बिछ जातीं लाशें, ट्रेन में थे 1700 से ज्यादा यात्री

श्रीकांत शर्मा कोलकाता : गुरुवार को मैदान स्टेशन के पास एसी मेट्रो (संख्या : केडी-187) में आग लगने की घटना के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. घटना के तुरंत बाद सुरंग में पहुंचनेवाले मेट्रो रेलवे के अधिकारियों का दावा है कि इस गाड़ी के चालक ने अपनी सूझबूझ और धैर्य से काम लिया अन्यथा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 29, 2018 7:35 AM

श्रीकांत शर्मा

कोलकाता : गुरुवार को मैदान स्टेशन के पास एसी मेट्रो (संख्या : केडी-187) में आग लगने की घटना के बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. घटना के तुरंत बाद सुरंग में पहुंचनेवाले मेट्रो रेलवे के अधिकारियों का दावा है कि इस गाड़ी के चालक ने अपनी सूझबूझ और धैर्य से काम लिया अन्यथा सैकड़ों लोगों की जान जा सकती थी.
यदि मेट्रो चालक ने सुरंग में ट्रेन के रुकते ही गेट खोल दिया होता, तो वहां भयानक हादसा हो सकता था. यदि गेट खुल जाता, तो ट्रेन में सवार हैरान-परेशान यात्री पटरियों पर उतरने या कूदने लगते, ऐसे में तीसरी पटरी (जिसके माध्यम से बिजली की आपूर्ति होती है) की हजारों वाट के करंट की चपेट में आ जाते और इसके बाद की कल्पना भी नहीं की जा सकती.
घटना के बाद चालक ने तत्परता दिखाते हुए ना केवल पॉवर ब्लॉक कराया, बल्कि दोनों तरफ के आपातकालीन दरवाजों को भी ठीक समय पर खोला और लोगों को ट्रेन से उतरने में मदद की.
बचाव अभियान के दौरान सुरंग में मौजूद उप मुख्य परिचालन प्रबंधक (संरक्षा) विकास जी श्यामकुले मौजूद थे. घटना के कुछ ही देर बाद वह वहां पहुंचे थे. उन्होंने बताया कि चालकों ने अपनी पूरी ड्यूटी निभाते हुए लोगों को बचाया. चालकों ने मेट्रो केबिन वाला इमरजेंसी गेट के साथ ही ट्रेन के अंत में स्थित दूसरा इमरजेंसी गेट खोला.
उन्होंने बताया कि इन दोनों गेटों में से पहले गेट से करीब 1600 यात्री, जबकि बाकी बचे यात्रियों को पिछले इमरजेंसी दरवाजे से बाहर उतारा गया. कुछ यात्री खिड़कियों के शीशे तोड़कर बाहर निकले. इस दौरान कोलकाता पुलिस, दमकल विभाग, रेलवे सुरक्षा बल के जवान के अलावा डिजास्टर मैनेजमेंट के कर्मी भी यात्रियों को प्लेटफॉर्म तक लाने में मदद की.
सवालों के घेरे में देश की सबसे पहली मेट्रो रेल सेवा
यह घटना गुरुवार शाम को लगभग पांच बजे की है, जब ट्रेन रवींद्र सदन से रवाना होकर मैदान स्टेशन में प्रवेश करनेवाली थी. तभी ट्रेन की बोगी एसी-वन (3002) और एसी-2 के ज्वाइंट के पास से चिंगारी निकलने लगी. जानकारी के अनुसार दुर्घटना के वक्त लगभग 1700 यात्री ट्रेन में सवार थे. ऐसे में यात्रियों को कंट्रोल करना भी एक बड़ा चैलेंज था.
उस वक्त चालक ने अपना सूझबूझ दिखाते हुए सुरंग में खड़ी बोगियों का एक भी गेट नहीं खोला. घटना के वक्त मुख्य चालक के रूप में डी भट्टाचार्या ट्रेन चला रहे थे, जबकि असिस्टेंट चालक केसी सिकदर की ड्यूटी ट्रेन के अंतिम केबिन में थी.
मेट्रो चालक को जैसे ही आग लगने की सूचना मिली, उन्होंने आपातकालीन ब्रेक लगा कर ट्रेन को तुरंत रोक दिया. दोनों चालकों ने घटना के तुरंत बाद करीब शाम 5.10 बजे कंट्रोल को मेट्रो रैक में आग लगने की सूचना देते हुए पावर ब्लॉक कराने की अनुमति मेट्रो के चीफ कंट्रोलर से मांगी. कंट्रोल से अनुमति मिलते ही मेट्रो चालक ने 5.20 बजे ट्रेन का पॉवर ब्लॉक कराया.
दुनिया की सबसे सस्ती सार्वजनिक यात्री सेवा है
इसके वातानुकूलित ट्रेन में भी प्रति किलोमीटर किराया लगभग एक रुपया है
आधा दर्जन से ज्यादा रेक चल रहे हैं 1984 से
दमकल विभाग ने कोलकाता मेट्रो रेलवे को भेजा नोटिस
कोलकाता. गत गुरुवार को मैदान स्टेशन में मेट्रो में लगी आग की घटना को लेकर राज्य के दमकल विभाग की ओर से कोलकाता मेट्रो रेल नोटिस भेजा गया है. सूत्रों के अनुसार नोटिस में घटना के कारण की जानकारी मांगी गयी है. नोटिस पश्चिम बंगाल अग्निशमन सेवा अधिनियम 1950 की धारा 35 के तहत भेजा है.
घटना को लेकर अहम बैठक
मेट्रो आग मामले को लेकर कोलकाता पुलिस मुख्यालय में पुलिस और दमकल विभाग के अधिकारियों के बीच अहम बैठक हुई है. बैठक में राज्य के दमकल विभाग के मंत्री सुजीत बोस भी मौजूद रहे. सूत्रों के अनुसार बैठक में महानगर में आग की बड़ी घटना के दौरान ग्रीन कॉरिडर बनाये जाने पर भी चर्चा हुई है.
जरूरत पड़ने पर कानूनी कदम उठायेगी सरकार
आग्निकांड को लेकर राज्य सरकार की ओर से लापरवाही का आरोप लगाया है. दमकल विभाग के मंत्री सुजीत बोस का कहना है कि पूरी जांच के बगैर लापरवाही की बात को पूरी तरह से नकार देना शायद अभी संभव नहीं है. कथित तौर पर घटना के बाद कई यात्रियों ने तुरंत मदद नहीं मिलने का आरोप लगाया है. हेल्प लाइन नंबर पर फोन करने पर मदद नहीं प्राप्त होने का आरोप है.
दमकल विभाग की ओर से कोलकाता मेट्रो रेलवे को नोटिस भेजा गया है ताकि वहां अग्निशमन व्यवस्था व यात्रियों की सुरक्षा व्यवस्था की पूरी स्थिति साफ हो पाये. किसी भी लापरवाही की बात सामने आने पर जरूरत पड़ने पर राज्य सरकार और दमकल विभाग की ओर से कानूनी कदम उठाया जायेगा.
सुदीप ने कोलकाता मेट्रो से मांगी रिपोर्ट, तीन दिन का दिया समय जीएम को कर सकते है‍ं तलब
कोलकाता : रेलवे स्थाई कमेटी के चेयरमैन तथा सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने मेट्रो रेलवे को फटकार लगायी है. एसी मेट्रो में लगी आग की घटना पर उन्होंने मेट्रो रेलवे कोलकाता से रिर्पोट मांगी है.
तीन दिनों के भीतर यह रिपोर्ट पेश करने को कहा है. सुदीप ने कहा कि वह उक्त मामले को लेकर मेट्रो रेलवे के महाप्रबंधक पीसी शर्मा से मुलाकात की है. जीएम ने सोमवार तक रिपोर्ट पेश करने को कहा है. इस रिपोर्ट को रेलवे स्टैंडिंग कमेटी को भेज दिया जायेगा.
उधर प्राथमिक जांच में मेट्रो रेलवे ने बताया कि मामले में मानवीय गलती नहीं हुई है. तकनीकी गड़बड़ी के कारण घटना हुई. श्री बंद्योपाध्याय ने कहा कि इस तरह की घटना हम कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे.
उन्होंने कहा कि इस घटना को लेकर वह दिल्ली में रेल बोर्ड के चेयरमैन से भी बात करेंगे. सुदीप ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मेट्रो रेलवे में हुई घटना पर गंभीर चिंता जतायी है. मेट्रो रेल में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार भी गंभीर है. यदि जरूरत पड़ी तो वे मेट्रो की घटना को लेकर रेलवे सेफ्टी बोर्ड से भी बात करेंगे. मेट्रो के महाप्रबंधक को भी तलब किया जा सकता है.

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