अमित शाह क बयान : भाजपा से डर गयी हैं ममता, बंगाल में तीनों जगह से रैली निकालेंगे

कोलकाता /नयी दिल्ली : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भाजपा का जनाधार बढ़ने से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भयभीत हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि भगवा दल को तीन ‘‘यात्राओं’ की अनुमति नहीं देकर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख राज्य में लोकतंत्र का गला घोंट रही हैं. रथयात्रा की इजाजत नहीं देने को शुक्रवार […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 8, 2018 7:19 AM
कोलकाता /नयी दिल्ली : भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भाजपा का जनाधार बढ़ने से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भयभीत हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि भगवा दल को तीन ‘‘यात्राओं’ की अनुमति नहीं देकर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख राज्य में लोकतंत्र का गला घोंट रही हैं. रथयात्रा की इजाजत नहीं देने को शुक्रवार को भाजपा ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला बोला है.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि भाजपा पश्चिम बंगाल में यात्राएं निश्चित तौर पर निकालेगी. ऐसा करने से कोई भी नहीं रोक सकता है. राज्य में बदलाव के प्रति भाजपा प्रतिबद्ध है. यात्राएं रद्द नहीं, सिर्फ स्थगित हुई हैं.
दरअसल, कलकत्ता हाइकोर्ट ने एक दिन पहले भाजपा को कूचबिहार में रथयात्रा निकालने की अनुमति देने से इंकार कर दिया था. हालांकि, भाजपा ने शुक्रवार को कलकत्ता हाइकोर्ट की एकल पीठ के फैसले के खिलाफ हाइकोर्ट की खंडपीठ में शुक्रवार को अपील दाखिल की.
बंगाल में राजनीतिक हत्याओं का इतिहास : शाह ने आरोप लगाया कि देश में होने वाली 100 राजनीतिक हत्याओं में एक चौथाई बंगाल में होती हैं. राज्य में प्रशासन भी वोटबैंक की राजनीति में शामिल है. आतंकवाद और आतंकवाद फैलाने वाली संस्थाओं पर नकेल कसने की राज्य सरकार की क्षमता नहीं है. इस सरकार को बदलना ही चाहिए.
लोकतंत्र का गला घोंट रही है ममता सरकार
ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली बंगाल सरकार पर हमला बोलते हुए शाह ने आरोप लगाया कि देश में सर्वाधिक सियासी हत्याएं राज्य में हुई हैं. शाह ने कहा कि पूरा बंगाल प्रशासन सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के लिए कार्य कर रहा है. राज्य में लोकतांत्रिक व्यवस्था का दहन हो रहा है. हमने पंचायत चुनाव में 7000 हजार से ज्यादा सीटें जीत कर दूसरा स्थान हासिल किया है और इसी से ममता डरी हुई हैं.
वाम से ज्यादा हत्याएं ममता के समय में
शाह ने कहा कि रथयात्रा के लिए राज्य सरकार से आठ बार इजाजत मांगी गयी थी. आरोप लगाया कि जितनी हिंसा ममता बनर्जी के कार्यकाल में हुई है, उतनी हिंसा तो कम्युनिस्ट शासनकाल में भी नहीं हुई थी. माफिया जुर्म करते हैं व मंत्री पनाह देते हैं. ममता सरकार आतंकवाद पर नकेल कसने में नाकामयाब हुई है.

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