बंगाल : ममता राज में बढ़ीं आरएसएस की शाखाएं

संघ के दक्षिण बंगाल के प्रमुख जिष्णु बसु ने दी जानकारी... कोलकाता : आरएसएस को इस बात की खुशी है कि तृणमूल कांग्रेस के शासनकाल में उनकी शाखाओं की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. उनके स्वंयसेवकों की संख्या भी बढ़ रही है. खुद संघ के दक्षिण बंगाल के प्रमुख जिष्णु बसु ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 15, 2018 7:51 AM

संघ के दक्षिण बंगाल के प्रमुख जिष्णु बसु ने दी जानकारी

कोलकाता : आरएसएस को इस बात की खुशी है कि तृणमूल कांग्रेस के शासनकाल में उनकी शाखाओं की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है. उनके स्वंयसेवकों की संख्या भी बढ़ रही है. खुद संघ के दक्षिण बंगाल के प्रमुख जिष्णु बसु ने संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी.
उन्होंने कहा कि वर्ष 2013 में बंगाल में शाखाओं की संख्या 780 थी. लेकिन 2018 में सिर्फ उत्तर बंगाल में 910 व दक्षिण बंगाल में शाखाओं की संख्या 650 हो गयी है. साप्ताहिक मिलन 757, मासिक मंडली 144 के अलावा 66 ब्लाॅकों में 462 सेवा योजना चल रही है. यानी वामपंथियों के मुकाबले तृणमूल कांग्रेस के शासन में आरएसएस की ताकत बढ़ी है. जिष्णु बसु ने कहा कि वह रामनवमी और मुहर्रम के मौके पर अस्त्र शस्त्र लेकर जुलूस निकालने के पक्ष में नहीं हैं, क्योंकि हथियार के साथ जुलूस निकालने का कोई औचित्य नहीं रह जाता. इस बार तृणमूल कांग्रेस ने भी रामनवमी मनाने का एलान किया है. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए जिष्णु बसु ने कहा कि देर से ही सही ममता बनर्जी को राम तो याद आये.
आरएसएस के 11 स्कूलों को बंद करने जैसी खबरों का खंडन करते हुए उन्होंने कहा कि हाइकोर्ट की राय के बाद यह मुमकिन नहीं है. अलबत्ता राज्य सरकार को चाहिए कि वह अपनी गिरेबां में झांके. क्योंकि सरकारी स्कूलों की जो हालत है, वहां लोग मजबूरी में ही जाते हैं. उसके मुकाबले उनकी शाखा संगठनों के स्कूलों की स्थिति बेहतर है. पाठ्यक्रम भी सरकार के तय मानदंडों के अनुरूप है, ऐसे में उन्हें बंद करने का सवाल ही नहीं उठता. उन्होंने यादवपुर विश्वविद्यालय के अतिवामपंथी नेताओं और छात्रों की निंदा की.