ओमान में बंगाल के 11 प्रवासी श्रमिकों के साथ धोखाधड़ी
तृणमूल कांग्रेस का दावा-श्रमिक अब भारतीय दूतावास की निगरानी में सुरक्षित
तृणमूल कांग्रेस का दावा-श्रमिक अब भारतीय दूतावास की निगरानी में सुरक्षित
कोलकाता. तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को दावा किया कि पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले के 11 प्रवासी श्रमिक एक धोखेबाज नियुक्ति एजेंसी के झांसे में आकर ओमान में फंस गये हैं. पार्टी ने कहा कि राज्य सरकार ने इन श्रमिकों की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने के लिए तत्काल हस्तक्षेप किया है. तृणमूल ने शनिवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर पोस्ट कर जानकारी दी कि ये श्रमिक एक फर्जी रिक्रूटमेंट एजेंसी के बहकावे में आकर ओमान पहुंचे थे. बिना पैसे और साधन के वे पिछले कई दिनों से वहां भटक रहे थे. पार्टी ने बताया कि जब यह मामला राज्य प्रशासन के संज्ञान में आया, तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के निर्देश पर सरकार ने तुरंत कार्रवाई की. राज्य सरकार के प्रयासों से अब सभी 11 श्रमिक भारतीय दूतावास की निगरानी में सुरक्षित हैं. तृणमूल के अनुसार, दूतावास ने प्रवासी श्रमिकों के खाने और रहने की व्यवस्था सुनिश्चित की है. बताया गया कि ये सभी मजदूर बेहतर रोजगार की तलाश में ओमान गये थे, लेकिन फर्जी एजेंसी ने उन्हें ठग लिया और बाद में उनका संपर्क परिवारों से टूट गया. मौजूदा स्थिति में ये सभी प्रवासी भारत लौटने की इच्छा जता रहे हैं. राज्य सरकार ने केंद्र सरकार के विदेश मंत्रालय से अनुरोध किया है कि वह इस मामले में शीघ्र और मानवीय हस्तक्षेप करे, ताकि सभी श्रमिकों की सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित हो सके.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
