शहीद दिवस VIDEO : ममता समर्थकों पर बरसी थी गोलियां, 13 युवाअों की हुई मौत, 1000 हुए घायल

कोलकाता : बात 24 साल पुरानी है. ममता बनर्जी तब युवा कांग्रेस की नेता थीं. राज्य में बोगस वोटिंग बंद करने और सभी मतदाताअों के लिए मतदान का अधिकार सुनिश्चित करने की मांग पर ममता दी के आह्वान पर 21 जुलाई, 1993 को युवा कांग्रेस के हजारों कार्यकर्ता तत्कालीन राज्य सचिवालय राइटर्स बिल्डिंग की ओर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 21, 2017 12:41 PM

कोलकाता : बात 24 साल पुरानी है. ममता बनर्जी तब युवा कांग्रेस की नेता थीं. राज्य में बोगस वोटिंग बंद करने और सभी मतदाताअों के लिए मतदान का अधिकार सुनिश्चित करने की मांग पर ममता दी के आह्वान पर 21 जुलाई, 1993 को युवा कांग्रेस के हजारों कार्यकर्ता तत्कालीन राज्य सचिवालय राइटर्स बिल्डिंग की ओर बढ़ रहे थे.

राइटर्स बिल्डिंग से लगभग एक किलोमीटर पहले मेयो रोड और डोरिना क्रॉसिंग पर पुलिस ने प्रदशर्नकारियों की भीड़ पर अचानक फायरिंग शुरू कर दी. लोगों पर लाठियां बरसाने लगी. इसमें 13 लोगों की मौत हो गयी. 1,000 से अधिक लोग घायल हुए.

जागते रहो: कोर कमेटी की बैठक में ममता ने तृणमूल नेताओं को किया आगाह, कहा केंद्र एक साथ करा सकता है लोस-विस चुनाव

पुलिस की इस बर्बर कार्रवाई में मारे गये 13 युवा कांग्रेस कार्यकर्ताअों की याद में ममता बनर्जी हर साल 21 जुलाई को धर्मतल्ला में विशाल जनसभा का आयोजन करती हैं. पहले यह कार्यक्रम युवा कांग्रेस के बैनर तले ममता बनर्जी की अगुवाई में होता था.

बाद में ममता बनर्जी ने कांग्रेस से अलग होकर अपनी पार्टी तृणमूल कांग्रेस बना ली. तब से पश्चिम बंगाल पुलिस की गोलियों के शिकार हुए 13 युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताअों की याद में तृणमूल कांग्रेस ने सबसे बड़ा आयोजन करना शुरू कर दिया. ममता बनर्जी के आह्वान पर लाखों लोग धर्मतल्ला में जुटते हैं और 24 साल पहले शहीद हुए युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताअों को श्रद्धांजलि देते हैं.

पूरे देश में डर का माहौल क्यों : ममता बनर्जी

तब विरोधी दल में रहीं ममता बनर्जी आज पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं. उन्होंने रैली से पहले कहा कि शहीद दिवस बंगाल व देश को नया दिशा देने का दिन है. यह शपथ लेने का दिन है. लोकतंत्र की रक्षा का दिन है. नयी पीढ़ी, देश और बांग्ला को नया पथ दिखाने का दिन है.

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि ममता बनर्जी जब प्रदेश की मुख्यमंत्री बनीं, तो उन्होंने इस गोलीकांड की जांच के लिए एक आयोग का गठन किया. आयोग के अध्यक्ष जस्टिस (रिटायर्ड) सुशांत चटर्जी ने 2014 में अपनी 700 पन्ने की रिपोर्ट सरकार को सौंपते हुए इस गोलीकांड की तुलना जलियावाला बाग गोलीकांड से की थी. उन्होंने कहा कि यह जलियावाला गोलीकांड से भी बदतर था.

ममता के पश्चिम बंगाल में रामनाथ कोविंद को मिले पांच अधिक वोट, 10 विधायकों के वोट हुए रद्द

उन्होंने कहा था, ‘यह जालियावाला बाग में हुए नरसंहार से भी बदतर है. पुलिस ने लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन कर रहे निर्दोष और निहत्थे युवकों पर गोलियां चलायी थीं.’ रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस ने युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर 75 राउंड गोलियां चलाई थीं.

आयोग ने पुलिस की कार्रवाई में मारे गये सभी 13 युवाअों के परिजनों को 25-25 लाख रुपये और घायलों को 5-5 लाख रुपये मुआवजा देने का निर्देश दिया था. बहरहाल, ममता बनर्जी इससे पहले से ही उन सभी लोगों के परिजनों की आर्थिक मदद करती रही हैं.