बंगाल में 395 मेडिकल सीटों को खत्म करने पर अनिश्चितता बरकरार

कोलकाता. पश्चिम बंगाल में पिछले पांच वर्षों में बढ़ायी गयी 445 मेडिकल सीटों में से मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) द्वारा 395 सीटों को रद्द करने की केंद्र से अनुशंसा को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. राज्य सरकार ने मामले में चुप्पी साध रखी है. पश्चिम बंगाल की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य […]

By Prabhat Khabar Print Desk | June 24, 2017 9:59 AM
कोलकाता. पश्चिम बंगाल में पिछले पांच वर्षों में बढ़ायी गयी 445 मेडिकल सीटों में से मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) द्वारा 395 सीटों को रद्द करने की केंद्र से अनुशंसा को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है.

राज्य सरकार ने मामले में चुप्पी साध रखी है. पश्चिम बंगाल की स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि इस पर चर्चा करने की यह जगह नहीं है. उद्योग मंडल सीआईआई की तरफ से आयोजित नर्सिंग सम्मेलन 2017 के इतर उन्होंने यह बात कही. राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने आदेश के खिलाफ पहले ही याचिका दायर कर रखी है. देश में मेडिकल शिक्षा के मानक को बरकरार रखने वाली स्वायत्तशासी संस्था ने पश्चिम बंगाल के चिकित्सा संस्थानों में छात्रों की बढ़ी हुई संख्या के लिए आधोसंरचना में कमी का हवाला देते हुए सीटों की संख्या कम करने की अनुशंसा की थी. राज्य में वर्तमान में 17 मेडिकल कॉलेजों में 2450 सीट हैं.

एमसीआई की अनुशंसा के मुताबिक अगर उनमें से 395 सीटों को रद्द कर दिया जाता है तो सीटों की संख्या घटकर 2045 रह जाएगी. रिपोर्ट के मुताबिक एमसीआई ने 2014 में 500 मेडिकल सीट को रद्द करने का सुझाव भी दिया था, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हस्तक्षेप कर पहल का विरोध किया था.

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