West Bengal Crime News: ट्रिपल मर्डर के दोषियों की मौत की सजा आजीवन कारावास में बदली

अदालत ने कहा कि अपीलकर्ताओं के पास हथियार नहीं थे और उन्होंने घरेलू सामान जैसे नारियल की रस्सी और चादर का इस्तेमाल किया, जिससे पता चलता है कि हत्या पूर्व नियोजित या भीषण नहीं थी.

By Prabhat Khabar | March 15, 2023 12:59 PM

कलकत्ता हाइकोर्ट ने निचली अदालत द्वारा ट्रिपल मर्डर मामले में दोषियों को दी गयी मौत की सजा को 30 साल की अवधि के लिए बिना किसी छूट के आजीवन कारावास में बदल दिया. कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश जयमाल्य बागची और न्यायाधीश शुभेंदु सामंत की खंडपीठ ने कहा कि अपराधियों का पहले का कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं है. उन लोगों ने पहली बार ऐसी घटना को अंजाम दिया है, इसलिए ऐसा नहीं है कि उनमें सुधार की संभावना नहीं. यह देखते हुए हाइकोर्ट ने उनकी मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदलने का निर्देश दिया है.

न्यायाधीश ने कहा कि घटना में तीनों व्यक्तियों की हत्या कर दी गयी है, इसलिए ऐसी जघन्य घटना के लिए दोषियों को सजा मिलनी ही चाहिए, लेकिन घटना पर मिले साक्ष्य यह नहीं दिखाते कि अपीलकर्ता सशस्त्र स्थान पर आये थे या हत्याएं पूर्व नियोजित थीं. ऐसा आरोप है कि अपीलकर्ताओं ने लूटपाट की और उक्त घर में तीन व्यक्तियों की हत्या कर दी. जांच के दौरान अपीलकर्ताओं के पास से कई मोबाइल फोन, आभूषण की वस्तुएं, एटीएम कार्ड और नकदी बरामद की किये गये, जो मृतक व्यक्तियों के घर से गायब थे.

मौत की सजा के संदर्भ में हाइकोर्ट की खंडपीठ ने पाया कि निचली अदालत आपराधिक प्रवृत्ति कम करनेवाली परिस्थितियों को दूर करने में विफल रही है. अदालत ने देखा कि ट्रायल जज ने सिर्फ इस आधार पर फैसला सुना दिया है कि तीन लोगों की हत्याएं हुई हैं. अपराध की पूर्व नियोजित या क्रूर प्रकृति के संबंध में अन्य टिप्पणियों को रिकॉर्ड पर मौजूद साक्ष्य से समर्थन नहीं मिलता. यह स्पष्ट नहीं है कि अपीलकर्ताओं ने साजिश रची और हत्या के इरादे से मृतक के घर आये. दूसरी ओर, यह अधिक संभावना है कि हत्या का सामान्य इरादा घटनास्थल पर ही प्रकट हुआ हो.

अदालत ने कहा कि अपीलकर्ताओं के पास हथियार नहीं थे और उन्होंने घरेलू सामान जैसे नारियल की रस्सी और चादर का इस्तेमाल किया, जिससे पता चलता है कि हत्या पूर्व नियोजित या भीषण नहीं थी. तदनुसार, अदालत ने उनकी मौत की सजा को 30 साल की अवधि के लिए बिना छूट के आजीवन कठोर कारावास में बदल दिया.

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