पश्चिम बंगाल में बकाया डीए की मांग पर जारी है आंदोलन, तृणमूल शिक्षक संघ से सरकारी कर्मचारियों का हो रहा मोहभंग

पश्चिम बंगाल में डीए की मांग का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब सरकार को अपने ही शिक्षक संगठन से विरोध का सामना करना पड़ रहा है और लोग टीएमसी शिक्षक संघ छोड़ रहे हैं.

By Prabhat Khabar Print Desk | February 22, 2023 10:20 AM

पानागढ़, मुकेश तिवारी. डीए की मांग को लेकर राज्य सरकार के खिलाफ पूरे राज्य भर में कर्मचारियों का आंदोलन तेज होते जा रहा है. अब तक विरोधियों से जो मौजूदा सरकार लड़ रही थी अब सरकार के ही संगठन के लोग सरकार का विरोध करने लगे हैं. इतना ही नहीं डीए की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन जहां जारी है वहीं शासक दल के शिक्षक संगठन के सदस्य अब सरकार से विमुख होकर संगठन को छोड़ने लगे हैं.

टीएमसी शिक्षक संघ छोड़ रहे हैं लोग

बांकुडा जिले के शालडीहा हाई स्कूल के 32 शिक्षक-शिक्षकों ने विरोध पत्र के साथ तृणमूल शिक्षक संघ छोड़ दिया. शासक दल के शिक्षक संगठन से शिक्षकों का मोहभंग होने लगा है .यही कारण है कि डीए की मांग को लेकर शिक्षक संगठन सबसे ज्यादा विरोध प्रदर्शन करने लगा है. इतना ही नहीं संगठन के लोग अब शासक दल के संगठन को भी छोड़ने लगे हैं. इसका सीधा सीधा लाभ विरोधी पक्ष को मिलने लगा है और तनिक भी देरी ना करते हुए विरोधी पक्ष के लोग सरकार के विरुद्ध शासक दल के संगठन को छोड़कर आए लोगों का समर्थन करते हुए आंदोलन को और हवा देना शुरू कर दिया है.

सरकार की बढ़ रही है परेशानी

ऐसे में मौजूदा सरकार की परेशानी बढ़नी शुरू हो गई है. आगामी दिन होने वाले पंचायत चुनाव तथा अगले वर्ष लोकसभा चुनाव के पूर्व राज्य सरकार के सबसे भरोसेमंद सरकारी कर्मचारी अब सरकार के विरुद्ध आवाज बुलंद करने लगे हैं. इसका नकारात्मक प्रभाव आगामी चुनाव में सरकार को देखने को मिल सकता है. राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि डीए की मांग राज्य सरकार के लिए गले की हड्डी बन गई है यदि राज्य सरकार इस दिशा में उपयुक्त कदम नहीं उठाएं गए तो यह सरकार के लिए काफी घातक साबित हो सकता है.

सरकार ने 3 फीसदी डीए में की थी बढ़ोतरी

हालांकि सरकार ने अपने बजट सत्र में 3% डीए की बढ़ोतरी की थी लेकिन समूचे देश के अन्य प्रांतों को देखा जाए तो सबसे ज्यादा कम डीए पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारियों की है. 38% डीए की बजाए 3% डीए देने के बाद भी 35% डीए पश्चिम बंगाल सरकार के कर्मचारियों की कम है. इसकी तुलना करते हुए राज्य सरकार के कर्मचारी 2 दिनों से आंदोलन करते नजर आए. यह आंदोलन आगे भी जारी रह सकता है.

Next Article

Exit mobile version