जिले में कोरोना से जंग जीतनेवालों को 15 हजार रुपये का कार्य मिलेगा प्रतिमाह

अतिरिक्त जिला शासक (जनरल) डॉ. अभिजीत शेवाले ने कहा कि कोरोना से जंग जीतकर वापस लौटे योद्धाओं को जिला में प्रतिमाह 15 हजार रुपये का कार्य देने की व्यवस्था की गई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 27, 2020 4:41 AM

आसनसोल. अतिरिक्त जिला शासक (जनरल) डॉ. अभिजीत शेवाले ने कहा कि कोरोना से जंग जीतकर वापस लौटे योद्धाओं को जिला में प्रतिमाह 15 हजार रुपये का कार्य देने की व्यवस्था की गई है. इसके लिए शैक्षणिक योग्यता और उम्र की कोई बाधा नहीं है. कोरोना से स्वस्थ्य होने का प्रमाणपत्र लेकर जिला के मुख्य स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओएच), आसनसोल सदर के महकमा शासक और दुर्गापुर के महकमा शासक के पास आवेदन करने पर ही उन्हें कार्य मिल जाएगा.

राज्य सरकार के निर्देश पर यह आरंभ किया गया है. सभी आवेदनकारी को कार्य दिया जाएगा. जिले में कोरोना से जंग जीतकर वापस लौटे योद्धाओं को आर्थिक रूप से मजबूती प्रदान करने के उद्देश्य से सभी को प्रतिमाह 15 हजार रुपये का कार्य जिला में देने की प्रक्रिया आरम्भ हुई. अतिरिक्त जिला शासक डॉ. शेवाले ने कहा कि इन योद्धाओं को सेफ हाउस में कार्य दिया जाएगा.

यहां कोरोना संक्रमितों की देखभाल की पूरी जिम्मेदारी इनकी होगी. मरीजों को समय पर दवा देना, समय-समय पर खाने का पैकेट पहुंचाना, जिला प्रशासन व सीएमओएच कार्यालय को नियमित मरीजों की स्थिति की जानकारी देना और मानसिक रूप से उन्हें मजबूत बनाये रखने में मदद करने का कार्य करना होगा.

कोरोना से स्वस्थ्य होने के कारण सेफ हाउस में यह लोग बेहतर तरीके से अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह कर पाएंगे. इससे योद्धाओं को रोजगार का एक बेहतर अवसर मिलेगा और सेफ हाउस में मरीजों की सही तरीके से देखभाल हो पाएगी. जब तक सेफ हाउस रहेगा, इन्हें कार्य मिलेगा.

उन्होंने कहा कि एक बार कोरोना संक्रमित व्यक्ति को दूसरी बार इस संक्रमण का शिकार होने का मामला अबतक सामने नहीं आया है. इसके बावजूद इनके मेडिकल की सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी.

कोरोना के बढ़ते मामले को देखते हुए जिला प्रशासन ने राज्य सरकार के निर्देश पर बिना लक्षणवाले या हल्के लक्षणवाले कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए सेफ हाउस का निर्माण किया है. इसके साथ ही इस प्रकार के मरीज खुद को घर में आइसोलेट कर टेली मेडिसीन के जरिये भी अपना इलाज घर में रहकर कर सकते हैं.

जिनके घर में रहने के लिए अलग कमरा नहीं हैं, उन्हें सेफ हाउस में डाला जा रहा है. जटिल समस्या से ग्रस्त कोरोना मरीजों को डेडिकेटेड कोविड-19 अस्पताल सनाका में भेजा जा रहा है.

जिले में पांच सक्रिय सेफ हाउस.

प्रशासन ने 27 जुलाई 2020 को जिले में 405 बेडों की क्षमतावाली सात सेफ हाउस का निर्माण किया. रानीगंज में 60 बेडों का दो सेफ हाउस को लेकर स्थानीय लोगों के विरोध के कारण फिलहाल इसे स्थगित रखा गया है. दुर्गापुर डीएसपी हॉस्पिटल में 50 बेड, दुर्गापुर बोकारो हॉस्टल में 75 बेड, दुर्गापुर डीएसपी इंजीनियरिंग हॉस्टल में 80 बेड, आसनसोल इएसआई नर्सिंग कॉलेज हॉस्टल में 80 बेड और इस्टर्न रेलवे आसनसोल के सुभाष इंस्टिट्यूट में 60 बेड का सेफ हाउस सक्रिय है. यहां कोरोना संक्रमितों की देखभाल के लिए कोरोना से जंग जीतनेवालों को नियोजन दिया जा रहा है.

उम्र और शैक्षणिक योग्यता की कोई बाधा नहीं.

डॉ. शेवाले ने कहा कि सेफ हाउस में कार्य के लिए उम्र और शैक्षणिक योग्यता की कोई बाधा नहीं है. कोरोना से जंग जीतनेवाले हर व्यक्ति को यहां कार्य मिलेगा. इसके लिए सीएमओएच, आसनसोल सदर के महकमा शासक और दुर्गापुर के महकमा शासक के पास आवेदन करना होगा. इन्हें प्रतिमाह 15 हजार रुपये का भुगतान किया जाएगा. सेफ हाउस में साफ-सफाई का कार्य नगर निगम के सफाई कर्मी करेंगे.

posted by : sameer oraon

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