विश्वभारती में ‘हिंदी भाषा की सामासिकता’ पर पोस्टर और निबंध लेखन प्रतियोगिता
विश्व भारती शांतिनिकेतन के विनय भवन के शिक्षा विभाग में हिंदी दिवस पर दो दिवसीय ‘हिन्दी भाषा की सामासिकता’ विषय पर पोस्टर लेखन और निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया.
बोलपुर.
विश्व भारती शांतिनिकेतन के विनय भवन के शिक्षा विभाग में हिंदी दिवस पर दो दिवसीय ‘हिन्दी भाषा की सामासिकता’ विषय पर पोस्टर लेखन और निबंध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया.कार्यक्रम के पहले दिन ‘हिन्दी भाषा की सामासिकता’ विषय पर पोस्टर लेखन और निबंध लेखन प्रतियोगिता में छात्र-छात्राओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया. कार्यक्रम का दूसरा दिन सरस्वती वंदना के सस्वर गान से आरंभ हुआ. शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. श्यामसुंदर बैराग्य ने अपने स्वागत भाषण में हिन्दी के प्रचार-प्रसार पर बल दिया.हिन्दी भवन के सहायक प्राध्यापक डॉ. सुकेश लोहार आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे, जिन्होंने उक्त विषय पर अपना बहुमूल्य विचार व्यक्त किया. डॉ. सुकेश लोहार ने ‘सामासिकता’ शब्द की विस्तृत व्याख्या करते हुए हिन्दी के विस्तार में विभिन्न भाषाओं व संस्कृतियों के बहुमूल्य योगदान को रेखांकित किया.इसके बाद विभाग के छात्र-छात्राओं ने कविता पाठ, नृत्य, भाषण और समूह गान की मनमोहक प्रस्तुति दी. इसी कड़ी में मुख्य अतिथि ने कबीर का पद ‘क्या तन मांजता रे, एक दिन माटी में मिल जाना’ गाकर उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया.शिक्षा विभाग की नाट्य मंडली द्वारा प्रस्तुत नुक्कड़ नाटक ने एक जागरूकता के अंदाज में हिन्दी की महत्ता को दर्शाते हुए हिन्दी को अपनाने का अनुरोध किया. संपन्न हुए पोस्टर लेखन और निबंध लेखन प्रतियोगिता का पुरस्कार वितरण किया गया.बीएड प्रथम वर्ष के छात्र गौरव और दिपेश ने क्रमशः पोस्टर लेखन और निबंध लेखन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हासिल किया.प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान के साथ ही सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र प्रदान किया गया.हिन्दी साहित्य के मूर्धन्य कवि केदारनाथ सिंह की कविता ‘मातृभाषा’ का पाठ करते हुए कार्यक्रम की संयोजक डॉ. सौमी मंडल ने धन्यवाद ज्ञापन किया. कार्यक्रम का समापन आश्रम गीत के समूह गान के साथ हुआ.इस अवसर पर विभाग के वरिष्ठ आचार्य प्रो.कान्हू चरण साहू एवं अन्य प्राध्यापकगण डॉ. सनत कुमार रथ, डॉ चित्रलेखा माइती, डॉ शर्मिला यादव, डॉ सुप्रिय मंडल आदि की उपस्थिति रही. इस कार्यक्रम का संचालन बीएड द्वितीय वर्ष के छात्र सिद्धार्थ व शांभवी ने किया.
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