जामुड़िया औद्योगिक क्षेत्र में आबोहवा हुई जहरीली, लोगों का जीना मुहाल

जामुड़िया औद्योगिक क्षेत्र के आस-पास रहनेवाले स्थानीय ग्रामीणों का जीना कारखानों से होते प्रदूषण के कारण मुहाल हो गया है.

By AMIT KUMAR | November 25, 2025 9:32 PM

जितेंद्र त्रिवेदी, जामुड़िया

.

जामुड़िया औद्योगिक क्षेत्र के आस-पास रहनेवाले स्थानीय ग्रामीणों का जीना कारखानों से होते प्रदूषण के कारण मुहाल हो गया है. प्रदूषण के चलते लोगों में दमा, टीबी, हृदय रोग, चर्मरोग तो हो ही रहे हैं, अब कैंसर जैसे गंभीर व असाध्य रोग का भी खतरा मंडराने लगा है. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों की अनदेखी करते हुए कारखानों का विस्तार धड़ल्ले से किया जा रहा है, लेकिन प्रदूषण नियंत्रण के लिए संबद्ध विभागों की ओर से जरूरी कदम नहीं उठाये जा रहे हैं.

प्रदूषण का गंभीर संकट

औद्योगिक क्षेत्र के आसपास स्थित इकड़ा, महिशाबुड़ी, सार्थकपुर, हुरमाडागा, राजारामडागा, दामोदरपुर, धसल, विजयनगर, हिजलगोड़ा, शेखपुर, जादुडागा, चंडीपुर और बहादुरपुर सहित कई गांवों के निवासी इस प्रदूषण की सीधी मार झेल रहे हैं.

प्रदूषण नियंत्रण अधिकारियों ने बढ़ते प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए सभी कारखानों में इलेक्ट्रोस्टैटिक प्रेसिपिटेटर (ईएसपी) मशीन लगाने की बात कही थी, लेकिन कई कारखाने इन सरकारी नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं.

भाजपा के आसनसोल जिला उपाध्यक्ष संतोष सिंह के अनुसार, औद्योगिक क्षेत्र से निकलनेवाले काले धुएं और मालवाहक गाड़ियों से निकलते धुएं ने धुंध का रूप ले लिया है, जिससे रोजाना हादसे हो रहे हैं. पावर प्लांटों से निकलने वाली महीन धूल (डस्ट) घातक रोगों को जन्म दे रही है. वायु प्रदूषण के साथ जामुड़िया क्षेत्र की जीवनदायी नदियों का अस्तित्व भी खतरे में है, क्योंकि प्लांटों से निकलने वाला दूषित द्रव नदियों को पूरी तरह से विषाक्त कर रहा है.

राजनीतिक दलों का आक्रोश

माकपा एरिया कमिटी सदस्य बुद्धदेव रजक ने कहा कि कारखाने ग्रीन ज़ोन के नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं.उन्होंने आरोप लगाया कि कारखाने प्रदूषण को छिपाने के लिए सिर्फ़ कागज़ों पर पेड़ लगाते हैं, जबकि हकीकत में वे घने जंगल काटकर बड़े-बड़े भवन बना रहे हैं. “यह सब सत्ताधारी लोगों की मिलीभगत से हो रहा है.हमने बार-बार आंदोलन किया, लेकिन कोई सख़्त कार्रवाई नहीं हुई. अगर इसे अभी नहीं रोका गया, तो आने वाले समय में यहां लोगों का रहना मुश्किल हो जाएगा. भाजपा आसनसोल जिला उपाध्यक्ष संतोष सिंह ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया. कहा कि आसनसोल नगर निगम को इस औद्योगिक क्षेत्र से सबसे ज़्यादा टैक्स मिलता है, फिर भी प्रदूषण रोकने के लिए कोई कड़ा कदम नहीं उठाया जाता है. ये औद्योगिक इकाइयां लोगों को धीरे-धीरे मौत की आगोश में ले जा रही हैं. सरकार अंधी, बहरी व निरंकुश हो चुकी है. वे इस बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए आवाज उठायेंगे और प्रदूषण विभाग को इसकी सूचना देंगे, ताकि जल्द से जल्द कार्रवाई हो सके और अधिक प्रदूषण फैलानेवाले कारखानों पर उचित कार्रवाई हो.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है