बांकुड़ा की डोकरा और टेराकोटा कला से सजेगा नूतनचटी पूजा पंडाल
जिले की अधिकांश पूजा समितियां हर साल अलग-अलग तर्ज पर पंडाल बनाकर श्रद्धालुओं को आकर्षित करने का प्रयास करती हैं. इसी क्रम में बांकुड़ा शहर की नूतनचटी सार्वजनिक दुर्गोत्सव कमेटी इस बार जिले की पारंपरिक कला और संस्कृति को सामने ला रही है.
प्रणव कुमार बैरागी, बांकुड़ा.
जिले की अधिकांश पूजा समितियां हर साल अलग-अलग तर्ज पर पंडाल बनाकर श्रद्धालुओं को आकर्षित करने का प्रयास करती हैं. इसी क्रम में बांकुड़ा शहर की नूतनचटी सार्वजनिक दुर्गोत्सव कमेटी इस बार जिले की पारंपरिक कला और संस्कृति को सामने ला रही है. समिति 55वें वर्ष में पदार्पण कर रही है और इस बार डोकरा तथा पांचमुड़ा ग्राम की टेराकोटा शिल्प को थीम बनाया गया है.विलुप्त होती कला को बचाने की पहल
समिति के सचिव सुशांत पांडे ने बताया कि पूजा पंडाल का निर्माण बांस, लकड़ी और अन्य सामग्रियों से किया जा रहा है. उद्देश्य है कि जिले की विलुप्त होती कला को संरक्षित कर लोगों तक पहुंचाया जाये. इस बार आयोजन का अनुमानित बजट 24 लाख रुपये है. नूतनचटी कमिटी पूर्व में सर्वश्रेष्ठ पूजा मंडल का पुरस्कार जीत चुकी है और हर वर्ष किसी न किसी श्रेणी में सम्मान पाती रही है. पंडाल का उद्घाटन पंचमी के दिन होगा.
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला
पंचमी से नवमी तक प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होगा. नवमी और एकादशी के दिन जी बांग्ला के कलाकारों की भागीदारी के साथ विशेष कार्यक्रम होंगे. हर वर्ष की तरह इस बार भी वैद्युतिक सजावट दर्शकों को आकर्षित करेगी.पंडाल और प्रतिमा का आकर्षण
पूजा कमेटी के अध्यक्ष सुब्रत कुमार चट्टोपाध्याय ने बताया कि पंडाल को आकर्षक बनाने में सभी सदस्यों की अहम भूमिका है. प्रतिमा को भी विशेष रूप से सजाया जाएगा, जिसे देखने के लिए लंबी कतारें लगती हैं. भीड़ नियंत्रण और व्यवस्था के लिए स्वयंसेवक नियुक्त किये गये हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
