नेपाली पाड़ा हाइस्कूल की डेढ़ एकड़ भूमि पर कब्जे के खिलाफ थाना घेराव
सोमवार को स्कूल की जमीन पर अतिक्रमण का आरोप लगाते हुए स्कूल के शिक्षकों व छात्र-छात्राओं ने कोकओवन थाने का घेराव किया और स्कूल के विकास कार्य में सहयोग करने की मांग की.
दुर्गापुर. शहर के लेबर हाट स्थित नेपाली पाड़ा हिंदी हाइ स्कूल की जमीन दखल करने का आरोप बस्तीवासियों पर लगा है. सोमवार को स्कूल की जमीन पर अतिक्रमण का आरोप लगाते हुए स्कूल के शिक्षकों व छात्र-छात्राओं ने कोकओवन थाने का घेराव किया और स्कूल के विकास कार्य में सहयोग करने की मांग की. पुलिस अफसरों के आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ.
क्या है मामल
स्कूल के प्रिंसिपल डॉ कलीमुल हक ने बताया कि दखल की गई डेढ़ एकड़ जमीन पर बस्ती वासियों द्वारा कब्जा है. कब्जा किए गए जमीन से दो घर हटा लेने पर स्कूल का विकास कार्य हो सकता है. वही स्कूल के नए कक्ष निर्माण का फंड आ गया है लेकिन सिर्फ दो लोग के जमीन न छोड़ने के कारण स्कूल का विकास कार्य में बाधा आ गई है. जमीन खाली करने को लेकर जमीन का दस्तावेज सभी विभागों में चार महीना पहले ही की जा चुकी है. लेकिन कोई इस मामले में सहयोग नहीं कर रहा है. जनाब हक ने दावा किया कि दुर्गापुर प्रोजेक्ट लिमिटेड (डीपीएल) ने नेपाली पाड़ा इलाके में हिंदी हाइ स्कूल बनाने के लिए चार एकड़ जमीन उपलब्ध कराई थी. स्कूल ढाई एकड़ भूमि पर बनाया गया था. बाकी डेढ़ एकड़ जमीन भविष्य के लिए छोड़ कर रखी गई थी. उस जमीन पर बस्ती के लोगों द्वारा कब्ज़ा कर लिया गया है वर्तमान में स्कूल को कई कक्षा-कक्ष बनाने के लिए भूमि की आवश्यकता है. यद्यपि बस्ती के लोगों को दखल की गई जमीन को खाली करने के लिए कहा गया था, लेकिन उनकी बातों पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. बार बार शिकायत करने के बाद कोई कार्यवाही न होने पर मजबूर होकर सोमवार थाने के समक्ष प्रदर्शन किया गया है. प्रशासन यदि इस मामले में कार्यवाही नहीं करती है तो हम मुख्यमंत्री से शिकायत करेंगे.स्कूल प्रशासन व पुलिस के बीच मतभेद
स्कूल की जमीन को लेकर पुलिस एवं स्कूल प्रबंधन के बीच मतविवाद शुरू हो चुकी है. स्कूल प्रशासन का दावा है कि डीपीएल द्वारा दी गई चार एकड़ जमीन का दस्तावेज हमारे पास है. जिसे पुलिस प्रशासन एवं महकमा प्रशासन को कई बार सौंपा गया है. दूसरी तरफ एसीपी (दुर्गापुर)सुबीर राय का कहना है कि पुलिस के पास जमीन का दस्तावेज का कॉपी नहीं मिली है. स्कूल प्रशासन को पहले अपनी जमीन का प्रमाण मुहैया कराना चाहिए. एवं इस मामले में डीएम का हस्तक्षेप जरूरी है. पुलिस इस तरह किसी बस्ती को खाली कराने नहीं जा सकती है.पुलिस का दिखा मानवीय रूप
भीषण गर्मी में कोकओवन थाने की पुलिस का मानवीय चेहरा दिखा. प्रदर्शन कर रहे छात्रों को कोल्ड ड्रिंक व चॉकलेट दिये गये. एसीपी सुबीर राय ने कहा कि बच्चों को लेकर भीषण गर्मी में थाने के समक्ष आंदोलन करना स्कूल प्रशासन की भूल है. मसले के हल का दूसरा विकल्प भी हो सकता है.
घटना को लेकर राजनीति शुरू
इस मामले को लेकर शहर में राजनीति शुरू हो गई है. दुर्गापुर पश्चिम विधान सभा केंद्र के भाजपा विधायक लक्ष्मण घरुई ने प्रधानाध्यापक पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि प्रिंसपल अपनी स्कूल की ही जमीन वापस नहीं ले पा रहे हैं, क्योंकि वे तृणमूल नेताओं से घिरे हुए हैं. यह सब तृणमूल के दो नेताओं के बीच लड़ाई के कारण हो रही है. हम भी चाहते हैं कि स्कूल का विस्तार के लिए स्कूल की जमीन पर अतिक्रमण करने वालों को हटाया जाए. जो लोग जमीन कब्जा करने वाले लोगों को पुनर्वास के लिए दूसरी जगह पर जमीन दी जानी चाहिए .डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
