घोटाले के आरोपी तहसीन के खिलाफ जामुड़िया थाने में भी दर्ज हुई प्राथमिकी
चिटफंड कंपनी बनाकर कथित तौर पर तीन हजार लोगों से 350 करोड़ रुपये ठगी के मामले में मुख्य आरोपी तहसीन अहमद के खिलाफ एक नया मामला जामुड़िया थाने में दर्ज हुआ.
आसनसोल/जामुड़िया.
चिटफंड कंपनी बनाकर कथित तौर पर तीन हजार लोगों से 350 करोड़ रुपये ठगी के मामले में मुख्य आरोपी तहसीन अहमद के खिलाफ एक नया मामला जामुड़िया थाने में दर्ज हुआ. जामुड़िया निवासी उमर फारूख ने 13 लाख रुपये ठगी का आरोप लगाकर थाने में शिकायत दर्ज करायी है. जिसके आधार पर जामुड़िया थाने में तहसीन के खिलाफ कांड संख्या 508/25 में बीएनएस की धारा 318(4)/314/316(2)/351(2) के तहत प्राथमिकी दर्ज हुई. तहसीन के खिलाफ यह तीसरा मामला दर्ज हुआ. इसके पहले दो मामले आसनसोल नॉर्थ और आसनसोल साउथ थाने में दर्ज हुए थे. पहला मामला आसनसोल साउथ थाना क्षेत्र की निवासी मौटूशी दत्ता की शिकायत पर 18 अक्तूबर को आसनसोल नॉर्थ थाने में दर्ज हुआ. दूसरा मामला हॉटन रॉड इलाके के निवासी शाहनवाज आलम की शिकायत पर आसनसोल साउथ थाने में पांच नवंबर को दर्ज हुआ. यह तीसरा मामला अब जमुड़िया थाने में दर्ज हुआ है. तहसीन अहमद साउथ थाने में हुए मामले में अभी पुलिस रिमांड में है, शुक्रवार को उसे अदालत में पेश किया जायेगा. संभावना है कि अदालत में पेश करते ही जामुड़िया थाना अपने मामले में उसे रिमांड पर लेने के लिए अदालत में अपील करेगी. आसनसोल नॉर्थ थाने में दर्ज मामले की जांच आर्थिक अपराध निदेशालय (डीइओ) को दिया गया है. इसके बाद और दो मामले दर्ज हो गये. संभावना है कि इन नये मामलों की जांच का दायित्व भी डीइओ को सौंपा जायेगा. जब तक यह सौंपा नहीं जाता है, तब तक इसकी जांच संबंधित थाने के अधिकारी ही करेंगे.जामुड़िया थाने में दर्ज मामले में शिकायतकर्ता उमर फारूख ने कहा कि तहसीन अहमद के उन्हें निवेश पर उच्च रिटर्न का वादा किया था. जिसके कारण उसने नौ लाख रुपये का निवेश किया. उसने अपने नाम पर पांच लाख रुपये और पत्नी के नाम पर चार लाख रुपये निवेश किये. पांच लाख की एवज में 70 हजार रुपये करके 20 माह तक और चार लाख रुपये के एवज में 56 हजार रुपये करके 20 माह तक देने का करार किया. अप्रैल 2024 में तहसीन ने उसे पुनः 22 लाख रुपये निवेश करने के लिए राजी कर लिया. जिसके एवज में प्रतिमाह 3.21 लाख रुपये करके 20 माह तक भुगतान करने का वादा किया. 22 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया. उमर को जिसके बाद 10 लाख रुपये की जरूरत पड़ी. तहसीन से मांगने पर उसने नौ लाख दिये. शेष निवेश राशि के लिए वह कई बार उसके पास गया, लेकिन उसने राशि नहीं लौटायी और बुरे अंजाम की धमकी दी.
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