हर गेंद पर लगाते हैं रुपये, कुल राशि का 10% मिलता है कमीशन

आइपीएल में ऑनलाइन सट्टेबाजी में पकड़ाये सटोरिये का खुलासा

By GANESH MAHTO | April 12, 2025 12:56 AM

दुर्गापुर के छोटका, राकेश, राहुल और रानीगंज के सरोज, गोपी सहित आसनसोल व झारखंड में अपने सहयोगियों के बताये नाम क्रेश, औरा 444, ड्रीम 444 आदि ऐप के माध्यम से चलाते हैं सट्टेबाजी, पूरे बंगाल में फैला है इसका रैकेट आसनसोल. आइपीएल-2025 में ऑनलाइन सट्टेबाजी चलाने के आरोप में दुर्गापुर न्यू स्टील पार्क, मेन गेट इलाके से गिरफ्तार सीतामढ़ी (बिहार) जिला के सुरसंड थाना क्षेत्र का निवासी नियाज खान ने बताया कि पिछले दो वर्षों से वह इस आपराधिक गतिविधि के साथ लिप्त है. वह मिडल मैन है. सट्टा लगाने के लिए लोग उससे संपर्क करते हैं और विभिन्न ऑनलाइन मनी वॉलेट के माध्यम से पैसा भेजते हैं. वह उन पैसों को क्रेश, औरा 444, ड्रीम 444 आदि एप के माध्यम से सट्टा में लगाता है. बदले में उसे दांव पर लगे पैसे का दस फीसदी राशि कमीशन में मिलता है. आइपीएल में हर गेंद पर लोग मोटी रकम दांव पर लगाने का खुलासा करते हुए उसने बताया कि पूरे राज्यभर में सट्टेबाजी का संगठित रैकेट फैला हुआ है. उसने इस धंधे में शामिल अपने सहयोगियों दुर्गापुर का छोटका, राकेश, राहुल और रानीगंज का सरोज, गोपी के अलावा आसनसोल और झारखंड के अनेकों का नाम पुलिस को बताया. आसनसोल साइबर क्राइम थाना पुलिस नियाज से मिली जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई करने में जुट गयी है. गौरतलब है कि आइपीएल में सट्टेबाजी को लेकर पुलिस हर प्रकार से निगरानी कर रही है. इसी कड़ी में साइबर क्राइम थाना आसनसोल के अवर निरीक्षक को स्वरूप मुखर्जी को सूचना मिली कि दुर्गापुर इलाके में ऑनलाइन सट्टेबाजी का एक गिरोह सक्रिय होकर काम कर रहा है. जिसके आधार पर तकनीकी मदद के साथ अतिरिक्त फोर्स लेकर श्री मुखर्जी ने दुर्गापुर थाना क्षेत्र के मेनगेट, न्यू स्टील पार्क इलाके में स्थित एक आवास पर छापेमारी की. जिसमें नियाज पकड़ा गया. उसके मोबाइल फोन की जांच करने पर पाया गया कि विभिन्न प्रकार के संदिग्ध सट्टा एप्लिकेशन इंस्टॉल है. व्हाट्सएप पर अनेकों के साथ बातचीत और मैसेज का भी व्योरा प्राप्त हुआ. उसने अपना जुर्म कबूल करते हुए कहा कि वह पिछले दो वर्षों से इस धंधे के साथ जुड़ा हुआ है और काफी रकम कमाया है. कभी-कभी ये लोग क्रेश, औरा 444, ड्रीम 444 के साथ अन्य सट्टेबाजी एप का अधिकृत अधिकारी बताकर लोगों के समक्ष खुद को पेश करते हैं. अवर निरीक्षक श्री मुखर्जी के शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम थाना में मामला दर्ज हुआ और आरोपी को अदालत में पेश करके रिमांड पर लेने के बाद पुलिस को यह जानकारियां हासिल हुई है. इन जानकारियों के आधार पर पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गयी है.

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