20 वर्षों में बोनस 15 हजार से हुआ 1.03 लाख
बल्ले बल्ले. इसीएल कर्मी खुश, खातों में आया 1.03 लाख पूजा बोनस
गुरुवार अपराह्न 3:30 बजे से रात 11:30 बजे तक चली बैठक, प्रबंधन व यूनियन नेताओं में 1.03 लाख पर बनी सहमति आसनसोल. शिल्पांचल में किसी भी संस्था की तुलना में दुर्गपूजा के बोनस की सबसे अधिक राशि इसीएल के श्रमिकों को ही मिलती है. इसबार यह आंकड़ा एक लाख रुपये के पार चला गया. जिससे श्रमिकों के साथ-साथ बाजारों में भी रौनक आ गया है. गुरुवार को बोनस को लेकर कोल इंडिया मुख्यालय कोलकाता में मानकीकरण समिति की जेबीसीसीआइ-XI की छठी बैठक हुई. अपरान्ह साढ़े तीन बजे से बैठक शुरू हुई जो रात के साढ़े ग्यारह बजे तक चली. जिसमें परफॉर्मेंस लिंक्ड रिवार्ड (पीएलआर) चलती भाषा में पूजा बोनस की राशि 1.03 लाख रुपये पर सहमति बनी. जिसके बाद समझौता पत्र पर प्रबंधन के अधिकारी और यूनियन प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किया. निर्णय के तहत 26 सितंबर तक यह राशि सभी श्रमिकों के बैंक खाते में भेज दिया गया. 2005 में 15 हजार रुपये से 20 वर्षो में यह राशि बढ़कर 1.03 लाख रुपये पहुंची है. इस बार पूजा बोनस की राशि में हुई है रिकार्ड बढ़ोतरी, श्रमिक उत्साहित इसीएल में वर्ष 2024-25 के पीएलआर (पूजा बोनस) की राशि के रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है. वर्ष 2023 में बोनस की राशि मे बढ़ोतरी का नया रिकॉर्ड बना था, जो पिछली बार मिले राशि से नौ हजार रुपये बढ़कर था, इसबार 9,250 रुपये बड़ा है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है
