विभिन्न आपराधिक मामलों में आरोपी रहे कृष्णेन्दू को जेल से मिल गयी रिहाई, जिले के बाहर गुजारने होंगे अपने दिन

आसनसोल : कैटरिंग व्यवसायी राणा बनर्जी हत्याकांड में आरोपी बनाये गये बर्नपुर के डॉली लॉज निवासी कृष्णेन्दू मुखर्जी को उच्च न्यायालय से सशर्त्त जमानत मिलने के बाद बीते मंगलवार की शाम उसे आसनसोल के न्यायिक हिरासत से रिहाई मिल गई. मंगलवार की शाम को ही दस हजार रुपये का बेल बांड भरकर वह बाहर निकल […]

By Prabhat Khabar Print Desk | August 22, 2019 12:33 AM

आसनसोल : कैटरिंग व्यवसायी राणा बनर्जी हत्याकांड में आरोपी बनाये गये बर्नपुर के डॉली लॉज निवासी कृष्णेन्दू मुखर्जी को उच्च न्यायालय से सशर्त्त जमानत मिलने के बाद बीते मंगलवार की शाम उसे आसनसोल के न्यायिक हिरासत से रिहाई मिल गई. मंगलवार की शाम को ही दस हजार रुपये का बेल बांड भरकर वह बाहर निकल गया. सूत्रों के अनुसार इस रिहाई के बाद उसे कई शर्त्तों का पालन करना होगा.

उच्च न्यायालय से मिली सशर्त जमानत के अनुसार आसनसोल जिला कोर्ट में वह अपने कोर्ट तिथि पर ही पश्चिम बर्दवान जिले में उपस्थित हो सकेगा, बाकी दिन उसे पश्चिम बर्दवान जिले के बाहर ही गुजारना पड़ेगा. इतना ही नही वह राज्य के जिस थाना क्षेत्र में रहेगा, उसकी जानकारी भी उसे संबंधित कोर्ट को देनी होगी तथा वहां के स्थानीय थाने में सप्ताह में एक दिन की हाजिरी भी देनी होगी.
सनद रहे कि गत 17 नवंबर वर्ष 2017 को केटरिंग व्यवसायी राणा बनर्जी को गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई थी. मामले पर हीरापुर थाना पुलिस ने कांड संख्या 346/2017 के भादवि की धारा 302/201/326/307/34/120 बी तथा 25/27 आर्म्स एक्ट के तहत शिकायत दर्ज किया था. इस मामले में आरोपी मिल्टन सेन, उसका पुत्र सागर सेन, अजय हांड़ी, सुभाष मंडल तथा बबलू बनर्जी को गिरफ्तार किया गया था. जिसके बाद कृष्णेन्दू मुखर्जी को भी आरोपी बनाया गया था.
इतना ही नहीं, कृष्णेन्दू को बिभिन्न मामलों में भी आरोपी बनाकर पुलिस उसे कई बार रिमांड पर भी ले गई थी, जिसके बाद उसके निशानदेही पर कई महंगे हथियारों की भी बरामदगी की गई थी. मामले पर कृष्णेन्दू मुखर्जी ने बीते आठ फरवरी को आसनसोल जिला कोर्ट में सरेंडर किया था. लगभग साढ़े छह महीने जेल में रहने के बाद आखिरकार उसे रिहाई मिल गई.
कृष्णेन्दू के खिलाफ हत्या, हत्या का प्रयास, रंगदारी, अपहरण, अबैध हथियार रखने आदि अपराध के कुल आठ मामलों में अदालत से अरेस्ट वारंट जारी हुआ था. इन मामलों में गिरफ्तारी न होने पर उसे भगोड़ा घोषित किया गया.
कमिश्नरेट पुलिस की मोस्ट वांटेड क्रिमिनल की सूची में नाम डाला गया. घर में कुर्की जब्ती हुई. डेढ़ साल तक फरारी में रहकर कृष्णेन्दू ने बर्दवान सेशन कोर्ट, कोलकाता उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय तक जमानत के लिए गुहार लगाई.
दो मामलों, पहली हीरापुर थाना क्षेत्र इलाके में भारी मात्रा में देशी और विदेशी हथियार तथा कारतूस बरामदगी में दर्ज कांड संख्या 350/2017 और मुखर्जी लॉज के मालिक कृष्णकांत शर्मा की पत्नी और बेटी को बंधक बनाकर पिस्टल की नोक पर रखकर संपत्ति लिखाने को लेकर दर्ज हीरापुर थाना कांड संख्या 22/2018 में उसे बर्दवान सेशन कोर्ट से जमानत मिली थी.
सेल आईएसपी में रंगदारी को लेकर रिभु बोस की शिकायत पर दर्ज हीरापुर थाना कांड संख्या 362/2017, रिभु बोस को शिकायत वापस लेने के लिए उसके घर पर जाकर जान से मारने की धमकी देने की शिकायत पर दर्ज कांड संख्या 14/2018, रिभु बोस द्वारा शिकायत वापस न लेने पर उसके घर के खिड़की पर गोली चलाने की शिकायत पर दर्ज कांड संख्या 15/2018, प्रयाग यादव के बेटे और भतीजे का अपहरण कर उनका फ्लैट रजिस्ट्री करवाने और जमीन पर कब्जा करने की शिकायत के आधार पर दर्ज हीरापुर थाना कांड संख्या 16/2018 और दुर्गापूजा में तीन लाख रुपया चंदा ने देने पर प्रयाग यादव के भतीजे मनोज यादव को अपने ऑफिस में लाकर मारपीट करने तथा उनकी बोलेरो गाड़ी छीनने की शिकायत पर दर्ज हीरापुर थाना कांड संख्या 19/2018 इन पांच मामलों में उसे कोलकाता उच्च न्यायालय से जमानत मिल चुकी थी.
जमानत में शर्त के आधार पर उसे निर्धारित समय के अंदर निचली अदालत में सरेंडर करना था. लेकिन उसने सरेंडर नहीं किया. सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर उसने आठ फरवरी को आसनसोल अदालत में सरेंडर किया.
पुलिस रिमांड के दौरान हीरापुर और अंडाल थाना क्षेत्र इलाके में उसकी निशानदेही पर भारी मात्रा में हथियार बरामद हुआ. आठ मामलों के साथ दोनों थाना में दो नए मामले जुड़ गए. कृष्णेन्दू को राणा बनर्जी हत्याकांड के अलावा सभी मामलों में जमानत मिल गयी थी.
14 फरवरी को कोलकाता उच्च न्यायालय से इस मामले में भी जमानत मिल गयी. उसके अधिवक्ताओं ने जमानत की सर्टिफाई मंगलवार को स्पेशल जज कोर्ट (कांड का ट्रायल कोर्ट) में जमा की. जिसके उपरांत उसे जमानत पर रिहा करने का आदेश जारी हुआ. मंगलवार की रात को वह न्यायिक हिरासत से बाहर निकल गया.

Next Article

Exit mobile version