मिरिक : पहाड़ को भूमिपुत्र सांसद की जरूरत : डॉ. लामा

जनता ने अगर सांसद बनाया तो उम्मीदों पर खड़ा उतरूंगा देश के लोकसभा चुनाव में दार्जिलिंग को बताया अहम मिरिक : आगामी लोकसभा चुनाव के लिये विभिन्न राजनीतिक दलों का कसरत शुरू हो गया है.गत दिनों राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में हुये विधानसभा चुनाव में केंद्र की सत्तारूढं भाजपा का सुपड़ा साफ होने […]

By Prabhat Khabar Print Desk | December 16, 2018 9:35 AM
जनता ने अगर सांसद बनाया तो उम्मीदों पर खड़ा उतरूंगा
देश के लोकसभा चुनाव में दार्जिलिंग को बताया अहम
मिरिक : आगामी लोकसभा चुनाव के लिये विभिन्न राजनीतिक दलों का कसरत शुरू हो गया है.गत दिनों राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना में हुये विधानसभा चुनाव में केंद्र की सत्तारूढं भाजपा का सुपड़ा साफ होने की खबर से लोगों ने परिवर्तन को महत्त्व देकर आगे की राजनीति एवं रणनीति तैयार करने की दिशा में मंथन शुरू हो गया है. राष्ट्रीय राजनीति में जो कुछ भी हो दार्जिलिंग पहाड़ की राजनीति में लोकसभा चुनाव काफी अहम माना जाता है.
जबसे इस देश में भारतीय मूल की सरकार आयी, तबसे दार्जिलिंग पहाड़ ने बहुत कुछ योगदान दिया. सत्ता में रहे या चाहे विपक्ष में, दार्जिलिंग का लोकसभा चुनाव में अलग महत्त्व रहा है. उस वक्त की सरकार ने केवल जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करते हुये काम किया ना कि स्थायी समाधान के लिये. यदि हमारा सांसद भूमि पुत्र होगा तो बीस से तीस साल लम्बी समस्या का समाधान भी कम समय में हो जायेगा. यह कड़वा सत्य है. उक्त बातें बुद्धिजीवी एवं दार्जिलिंग डुआर्स यूनाइटेड डेवेलपमेंट फ्रंट डीडीयूडीएफ के संस्थापक डॉ. महेन्द्र पी लामा ने कही.
उन्होंने कहा कि आगामी 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिये दार्जिलिंग पहाड़ से भूमिपुत्र को ही उम्मीदवार बनाया जाये. यदि ऐसा हुआ तो दार्जिलिंग पहाड़ की दीर्घकालीन समस्या का समाधान संभव है.
एक प्रश्न के जवाब में लामा ने कहा कि दार्जिलिंग पहाड़ की जनता काफी जागरुक है. यहा की जनता यदि मुझे लोकसभा उम्मीदवार के रुप में खडा करना चाहती है तो मै तैयार हूं. लेकिन जनता क्या चाहती है यह गर्भ की बात है.
यधपि मुझे उम्मीदवार बनाकर संसद भवन भेजा जाएगा, तो मेरा एक ही कर्तव्य एवं धर्म बनता है कि आज तक दार्जिलिंग की जनता को नहीं मिलने वाले सहुलियत एवं अधिकार दिलाकर रहेंगे. लामा ने कहा कि बाहरी उम्मीदवार की तुलना में स्थानीय उम्मीदवार का महत्त्व अधिक होने के कारण भी इस बार इस बिषय पर फोकस करना जरुरी है.

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