सनडे ड्यूटी का निर्णय अगले माह होगा

रानीगंज : बीएमएस के कोल प्रभारी तथा जेबीसीसीआइ सदस्य डॉ बीके राय ने कहा कि कोयला श्रमिकों के सनडे ड्यूटी तथा ओवरटाइम सीलिंग के मुद्दे पर आगामी अगस्त माह में सीआइएल प्रबंधन तथा ट्रेड यूनियनों के साथ होनेवाली बैठक में निर्णय लिया जायेगा. वे संघ से संबद्ध खान श्रमिक कांग्रेस (केएससी) की सातग्राम एरिया, काजोड़ा […]

By Prabhat Khabar Print Desk | July 23, 2018 2:43 AM
रानीगंज : बीएमएस के कोल प्रभारी तथा जेबीसीसीआइ सदस्य डॉ बीके राय ने कहा कि कोयला श्रमिकों के सनडे ड्यूटी तथा ओवरटाइम सीलिंग के मुद्दे पर आगामी अगस्त माह में सीआइएल प्रबंधन तथा ट्रेड यूनियनों के साथ होनेवाली बैठक में निर्णय लिया जायेगा. वे संघ से संबद्ध खान श्रमिक कांग्रेस (केएससी) की सातग्राम एरिया, काजोड़ा एरिया तथा श्रीपुर एरिया कमेटियों की संयुक्त बैठक को रविवार को जेके नगर स्थित वीटी सेंटर में संबोधित कर रहे थे. उन्होंने यूनियन कर्मियों के कई सवालों का निराकरण किया.
फेडरेशन के उपाध्यक्ष तापस कुमार राय, खान श्रमिक कांग्रेस के अध्यक्ष नागेंद्र सिंह, महासचिव धनंजय पांडे, बीएमएस के महासचिव उज्जवल मुखर्जी, गणेश चौधरी, विनोद सिंह, भैरव चटर्जी अनूप मंडल, इंद्रदेव मोदी, शंभूनाथ गुप्ता आदि उपस्थित थे. डॉ राय ने कहा कि कोल इंडिया प्रबंधन ने श्रमिकों को दसवें राष्ट्रीय कोयला वेतन समझौते में जितनी सुविधाएं तथा वृद्धि दी है, वह मौजूदा समय में काफी अधिक है. उन्होंने कहा कि कई अन्य कंपनियों में तो वेतन समझौता ही नहीं हो पा रहा है. उन्होंने श्रमिकों के पेंशन के गारंटी की बात कही. श्रमिकों के संडे ओवरटाइम काटे जाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि इस विषय को लेकर कोल् इंडिया बोर्ड का आगामी अगस्त में होने वाली बैठक में विस्तृत चर्चा की जायेगी एवं कोल इंडिया के विभिन्न अनुषांगिक इकाई के सीएमडी से इस विषय में बातचीत की गई है.
सीएमडी का कहना है कि ओवरटाइम बंद होने से इसका असर कोलियरी के उत्पादन पर पड़ेगा अतः इसे रिवाइव किया जाये. उन्होंने कहा कि जिन कोलियरी में कोयला का भंडार है उसे किसी भी रुप में बंद करने नहीं दिया जायेगा. सरकार से बात की जा रही है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर खान सुरक्षा महानिदेशालय (डीजीएमएस) सुरक्षा कानूनों के उल्लंघन के तहत कोलियरी बंद कर देता है तो उस कोलयरी को अपने स्तर से सुधार कर वापस चलाये जाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जायेगा.
उन्होंने कहा कि देश की औद्योगिक स्थिति को देखते हुए संगठन को मजबूत रखने की जरूरत है. संगठन के कमजोर होने से काफी परेशानियां होगी. मजदूर हित, उद्योग हित तथा राष्ट्र हित को ध्यान में रखते हुए श्रमिकों की समस्याओं का समाधान करना होगा.

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