अपने ही नेता कपिल सिब्बल के खिलाफ खड़ी हुई पश्चिम बंगाल कांग्रेस, सोनिया गांधी को लिखा पत्र

नयी दिल्ली : कांग्रेस की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. ताजा विवाद पश्चिम बंगाल कांग्रेस के एक फैसले से उत्पन्न हुआ है. पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने बहुचर्चित सारदा चिंटफंड घोटाला मामले में राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार के पक्ष में अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता व […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 20, 2015 11:11 AM
नयी दिल्ली : कांग्रेस की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं. ताजा विवाद पश्चिम बंगाल कांग्रेस के एक फैसले से उत्पन्न हुआ है. पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने बहुचर्चित सारदा चिंटफंड घोटाला मामले में राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार के पक्ष में अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता व वकील कपिल सिब्बल द्वारा पैरवी किये जाने के फैसले का विरोध किया है और इसकी कड़े शब्दों में निंदा की है.
चौधरी ने कपिल सिब्बल का बहिष्कार करने का फैसला लिया है. उन्होंने एक बयान जारी कर कहा है कि तृणमूल कांग्रेस व राज्य सरकार की ओर से पैरवी करने के कारण पार्टी की राज्य इकाई सिब्बल को अब किसी कार्यक्रम में नहीं बुलायेगी. उन्होंने इस संबंध में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को एक पत्र लिख कर कहा है कि सिब्बल के इस कदम से कार्यकर्ताओं का मनोबल गिरा है.
उल्लेखनीय है कि हाशिये पर जा चुकी पश्चिम बंगाल कांग्रेस अपने दम पर खड़ा होने की कोशिश कर रही है. पार्टी वाम मोर्चा और तृणमूल दोनों के खिलाफ जोरदार मोर्चाबंदी कर अपना जानधार बनाना चाहती है. सारधा घोटाले के रूप में उसे तृणमूल कांग्रेस व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर हमला करने का एक अच्छा हथियार भी मिला है, लेकिन अगर उसी के केंद्रीय नेता इस मामले की पैरवी करेंगे तो स्वाभाविक है कि उसे जनता में जवाब देने में दिक्कतें आयेंगी. उधर, भाजपा सारधा घोटाला और वर्धमान विस्फोट को मुद्दा बनाकर तेजी से अपना जनाधार बढ़ा रहा है. ऐसे में कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व ने सिब्बल का विरोध करने का कदम उठाया.

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