India Population : पश्चिम बंगाल में प्रजनन दर में तेज गिरावट, 2080 तक देश की आबादी हो जाएगी इतनी

India Population : भारत में प्रजनन दर में गिरावट देखी जा रही है. भारतीय जनसंख्या अध्ययन संघ ने बताया कि जनसंख्या 2080 तक स्थिर हो जाएगी. पश्चिम बंगाल की प्रजनन दर में भी तीव्र गिरावट देखने को मिल रही है. जानें आखिर क्यों प्रजनन दर में गिरावट आ रही है.

By Amitabh Kumar | December 2, 2025 9:31 AM

India Population : भारत में कुल प्रजनन दर (टीएफआर) में गिरावट के कारण साल 2080 तक देश की आबादी 1.8 या 1.9 अरब पर स्थिर होने की उम्मीद है. वर्तमान में टीएफआर 1.9 है, जो प्रतिस्थापन स्तर से कम है. भारत तेजी से जनसांख्यिकीय परिवर्तन से गुजर रहा है, जहां पिछले दो दशकों में जन्म दर में तीव्र गिरावट आई है. भारतीय जनसंख्या अध्ययन संघ (आईएएसपी) के महासचिव अनिल चंद्रन ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा कि साल 2000 में हमारी कुल प्रजनन दर 3.5 थी और आज यह 1.9 है. यह एक बड़ी गिरावट है.

प्रजनन दर में गिरावट का मुख्य कारण क्या?

अनिल चंद्रन ने कहा कि भारत की जनसंख्या 2080 तक 1.8 या 1.9 अरब के स्तर पर चरम पर पहुंचने की उम्मीद है, जब वृद्धि स्थिर हो जाएगी. उन्होंने ने कहा कि सभी अनुमान बताते हैं कि भारत की अधिकतम जनसंख्या दो अरब से नीचे ही रहेगी. चंद्रन ने प्रजनन दर में गिरावट का मुख्य कारण बढ़ते विकास और शिक्षा स्तर को बताया. उन्होंने कहा कि महिलाओं में साक्षरता बढ़ने ने सीधे तौर पर विवाह और मातृत्व से जुड़े निर्णयों पर असर डाला है, जिससे परिवार छोटे होते जा रहे हैं.

गर्भनिरोधकों के बढ़ते इस्तेमाल का भी प्रजनन दर में प्रभाव

अनिल चंद्रन ने कहा कि गर्भनिरोधकों के बढ़ते इस्तेमाल और जन्म नियंत्रण उपायों के व्यापक तौर पर उपलब्ध होने से भी प्रजनन दर में तेजी से गिरावट आई है. उन्होंने कहा कि देर से विवाह होने और बढ़ते आर्थिक अवसरों का भी असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि विकास और जन्म दर का विपरीत समानुपाती संबंध होता है. अशिक्षित समूहों में प्रजनन दर अब भी तीन से ऊपर है, जबकि शिक्षित वर्ग में यह 1.5 से 1.8 के बीच है.

पश्चिम बंगाल की प्रजनन दर में भी तीव्र गिरावट

पश्चिम बंगाल की प्रजनन दर में भी तीव्र गिरावट देखी गई है. ‘सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम’ (एसआरएस) 2023 की सांख्यिकी रिपोर्ट के अनुसार, राज्य का कुल प्रजनन दर (टीएफआर) 1.3 पर आ गया है जो 2013 में 1.7 था. यह लगभग 18 प्रतिशत की गिरावट है और प्रतिस्थापन स्तर 2.1 से काफी नीचे है. चंद्रन ने कहा कि पश्चिम बंगाल अब देश में सबसे कम प्रजनन दर वाले राज्यों में शामिल हो गया है. जनसांख्यिकी विशेषज्ञ ने बताया कि जन्म दर में गिरावट के बावजूद, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के कारण जीवन प्रत्याशा बढ़ती जा रही है.

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